रांचीः झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की आज से शुरुआत हो रही है. जिसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. पक्ष-विपक्ष दोनों पूरी तरह से तैयार हैं. एक तरफ जहां विपक्ष जहां सरकार को घेरने की तैयारी में है. वहीं सत्ता पक्ष भी विपक्ष के सारे सवालों के जवाब देने को तैयार है. वहीं कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर टकराव के आसार है. वहीं कई ऐसे विधेयक भी हैं जिसे इस सत्र में सरकार पास करवाना चाहेगी.

इस बार मानसून सत्र 5 दिवसीय है. जिसमें 6 सितंबर को साल 2021-22 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. उसके बाद उस पर एक दिन चर्चा होगी. सत्र के दौरान मुख्यमंत्री प्रश्नकाल भी होगा. 9 सितंबर को सत्र सम्पन्न होगा. वहीं कई अहम विषय पर विशेष चर्चा भी हो सकती है.

सत्र की तैयारी

इससे पहले मानसून सत्र (Monsoon Session) को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष गुरुवार देर शाम तक रणनीति बनाते रहे. विपक्ष के कड़े रुख को देखते हुए सत्ता पक्ष ने सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जहां मुख्यमंत्री आवास में रणनीति बनाई. वहीं प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के सभी विधायकों ने बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में बैठक कर सरकार को घेरने की तैयारी की. बीजेपी के कड़े रूख को देखते हुए सदन की कार्यवाही हंगामेदार होने की संभावना है.

हेमंत सरकार को घेरने की रणनीति

मानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने होगा. विपक्ष ने सरकार की विफलताओं को लेकर सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. बीजेपी विधायक दल की दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन प्रभारी नागेंद्र जी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश प्रभारी दिलीप सैकिया, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सहित बीजेपी के सभी विधायक उपस्थित हुए. बैठक में गिरती कानून व्यवस्था, नियोजन नीति, हेमंत सरकार के वादाखिलाफी, अवैध माइनिंग, महिला उत्पीड़न, गैरदलीय आधार पर नगर निकाय चुनाव सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार को सदन में घेरने की रणनीति बनाई गई.

बचाव की रणनीति

विपक्ष के हमले से बचने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर देर शाम तक बैठक हुई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई इस बैठक में सत्तारूढ़ दल जेएमएम, कांग्रेस और राजद के विधायक, मंत्री शामिल हुए. इसके अलावा बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी मौजूद थे. बैठक में सदन में आनेवाले सवालों का सही जवाब देने के लिए विभागीय मंत्रियों को समुचित तैयारी के साथ उपस्थित रहने को कहा गया. इसके अलावा विपक्ष के संभावित मुद्दों का पुरजोर जवाब देने का निर्णय लिया गया.

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