रांची : अगले तीन दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान है और यह आगे भी जारी रह सकता है। आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन दिनों में राज्यभर में करीब 70 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गे है। इसके बाद भी राज्य में सामान्य से करीब 40% कम बारिश रह गयी है। लगातार हो रही बारिश से राज्ये के किसानों ने राहत की सांस ली है, अगले एक सप्ताह तक रोपा कर सकते हैं। राजधानी में पिछले तीन दिनों में 140 मिमी और पिछले 24 घंटे में 54 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी है। सबसे अधिक करीब 120 मिमी बारिश रामगढ़ में हुई।
दरअसल बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इसका असर झारखंड में भी रहेगा। 13 अगस्त को राज्य के पश्चिमी (पलामू प्रमंडल के कई हिस्से) तथा मध्य भाग (रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी तथा रामगढ़) में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। वहीं 14 अगस्त को राज्य के दक्षिणी ( कोल्हान प्रमंडल) तथा मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश संभव है। 16 अगस्त को भी राज्य में कहीं-कहीं हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है। 17 अगस्त को भी राज्य में करीब-करीब सभी स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना है।
रांची स्थित मौसम केंद्र वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि मॉनसून टर्फ रांची से होकर गुजर रहा है। तटीय बंगाल में साइक्लोनिक सरकुलेशन है। इससे उत्तरी बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बन सकता है। यह अगले 24 घंटे में तेज होगा। इसके पश्चिमी दिशा में बढ़ने की संभावना है. वहीं 13 और 14 अगस्त को राज्य के करीब-करीब जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। राजधानी में 171 हजार हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इसकी तुलना में करीब 59 हजार हेक्टेयर में धान लग गया है. यह तय लक्ष्य का करीब 35 % है. अगस्त माह में केवल 12 दिनों में ही 130 मिमी बारिश राजधानी में हो गयी है। अगस्त माह में करीब 362 मिमी बारिश होने का अनुमान रहता है। इसके अतिरिक्त तय लक्ष्य का करीब 75% में मक्का लग गया है.
तीन दिनों की बारिश के बाद भी संताल परगना, पलामू और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में लक्ष्य का छह-सात फीसदी ही धान लग पाया है। वहीं कोल्हान में तय लक्ष्य का करीब आधा और दक्षिणी छोटानागपुर में 30% धान लग पाया है। संताल परगना में 364 हजार हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य है, लेकिन 13 हजार हेक्टेयर में ही धान लग पाया है। उत्तरी छोटानागपुर में 336 हजार हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य था लेकिन 19 हजार हेक्टेयर में ही धान लगा है। पलामू प्रमंडल में 136 हजार हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य था लेकिन पांच हजार हेक्टेयर में ही धान लग पाया है।