JoharLive Team
रांची। सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत की अगुआई में रांची में पांच दिनों का संघ समागम शुरू हो गया है। राजधानी के मोरहाबादी में रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक सरसंघचालक को सुनने पहुंचे। डॉ भागवत ने यहां स्वयंसेवकों के शारीरिक प्रदर्शन और कौशल का निरीक्षण किया। अपने पांच दिवसीय दौरे पर बुधवार शाम रांची पहुंचे संघ प्रमुख यहां देश-दुनिया के ज्वलंत मसलों पर अलग-अलग सत्रों में गंभीर मंथन करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दुओं को संघ की शाखा में जरूर आना चाहिए। इससे उनका आत्मबल बढ़ेगा। वे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनेंगे। उन्होंने चेताया कि शाखा में टिकट पाने की लालसा से आने वाले इससे दूर रहें। यहां कोई लोभ-लालच सिद्ध नहीं होगा। किसी पद की चाह में संघ से जुड़ने वालों के लिए आरएसएस में कोई जगह नहीं है। संघ में कुछ लेने नहीं कुछ देने आएं।
रांची के मोरहाबादी में आयोजित पांच दिनों के संघ समागम के पहले दिन गुरुवार को रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में जुटे हजारों स्वयंसेवकों को अपने संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को बनाने में हिन्दुओं की जवाबदेही सबसे ज्यादा है। हिंदू अपने राष्ट्र के प्रति और जिम्मेवार बनें। भारत को विश्वगुरु बनाना सबका ध्येय होना चाहिए।
आरएसएस चीफ ने कहा कि समाज के लिए सभी वर्ग एक हैं। देश को विश्वगुरु बनाना है। भारत को आगे बढ़ाने में हिंदूओं की जिम्मेवारी अधिक है। देश को आगे बढ़ाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए। संघ प्रमुख ने पर्यावरण को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मनुष्य ने अपनी खुशी के लिए पर्यावरण का बहुत विनाश किया है, इसे बचाना जरूरी है।
गुरुवार की सुबह संघ प्रमुख रांची महानगर के स्वयंसेवकों एवं शहर के गण्यमान्य लोगों को संबोधित करने के लिए थोड़ी देर में पहुंचेंगे। उसके बाद झारखंड और बिहार के तीनों प्रांतों के अधिकारियों के साथ अलग-अलग विषयों पर चर्चा करेंगे। इसमें पर्यावरण संरक्षण, ग्राम विकास, गो संवर्धन, सामाजिक समरसता तथा संयुक्त परिवार प्रबोधन विषय मुख्य हैं। वैसे देश एवं राज्य की वर्तमान स्थिति पर भी इस बैठक में चर्चा होगी। 23 फरवरी की शाम वह रांची से देवघर के लिए रवाना हो जाएंगे।