Joharlive Team
चरही ।भारतीय मजदूर संघ हजारीबाग जिला मंत्री सह सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ हजारीबाग एरिया सचिव शंकर सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 18 अगस्त को होने वाली कोयला ब्लॉकों की नीलामी को फिलहाल टालने की घोषणा की है। यह कोयला मजदूरों के संघर्ष की दूसरी जीत है। कोयला मज़दूरों को पहली जीत तब मिली जब कोयला मजदूरों के द्वारा 10 और 11 जून को जबरदस्त प्रदर्शन और कोयला क्षेत्रों में हुए व्यापक रूप से काला दिवस मनाने और धरना के कारण व्यापक आक्रोश को देखकर कोल ब्लॉकों का कोई भी खरीददार सरकार को नहीं मिला और नीलामी टालनी पड़ी ।
उन्होने यह भी कहा कि इसके बाद प्रधानमंत्री खुद उतर गए कोयला ब्लॉकों को नीलाम करने। कोयला मजदूरों ने 2 से 4 जुलाई को तीन दिन की अभूतपूर्व हड़ताल कर इसका प्रतिरोध किया,पर सरकार अड़ी रही। लेकिन उसे फिर से कोयला ब्लॉकों की नीलामी टालनी पड़ी क्योंकि कोयला मजदूरों के द्वारा फिर से 18 को एक दिन की हड़ताल की घोषणा और भविष्य में और भी हड़तालों का आयोजन करने की धमकी को देखकर इस बार भी कोई खरीददार सामने नहीं आया। केंद्र सरकार को 19 अक्टूबर से 7 नवम्बर के बीच फिर कोल ब्लॉकों की नीलामी टालनी पड़ी । यह कोयला मजदूरों की दूसरी बड़ी जीत है कि प्रधानमंत्री के खुद इन्वाल्व होने के बावजूद भी कोल ब्लॉकों का खरीददार नहीं मिल रहा ।
कुछ लोग कह रहे थे कि एक दिन की हड़ताल से क्या होगा तो परिणाम सामने है । एक दिन की हड़ताल के फैसले के पीछे इस सोच से कि एक दिन की हड़ताल से सरकार कोल ब्लॉकों की नीलामी रोक देगी से बड़ा मकसद दुनिया भर के कम्पनियों को संकेत देना था कि भारत का कोयला मजदूर लगातार इस नीलामी के विरोध के लिए तैयार है ।श्री सिंह ने कोयला मजदूरों को कोल ब्लॉकों की नीलामी को रोक पाने की दूसरी सफलता पर बधाई दी और उन्होने यह भी कहा कि हमारा संघर्ष जारी है और आगे भी जारी रहेगा।