दिल्ली :केंद्र सरकार ने UPSC को नौकरशाही में लेटरल एंट्री से संबंधित विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दिया है .विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच यह फैसला लिया गया है .
क्यों लिया गया यह फैसला?
लेटरल एंट्री की व्यापक समीक्षा के तहत यह फैसला लिया गया है . ज्यादातर लेटरल एंट्रीज 2014 से पहले की गई थीं और ये एडहॉक स्तर पर की गई थीं . प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि लेटरल एंट्री का सिस्टम संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के समान होना चाहिए, खासकर आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में .
विपक्ष का विरोध
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री के जरिए की जा रही भर्तियों का विरोध किया . उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से SC, ST और OBC वर्ग के आरक्षण छीना जा रहा है . राहुल गांधी ने इसे सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया और कहा कि यह कदम संविधान में दिए गए आरक्षण के अधिकारों को खत्म करने की साजिश है .
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