नई दिल्‍ली : मोदी कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट ने पीएम ई-बस सेवा और विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है। 57,613 करोड़ रुपये की पीएम ई-बस सेवा के तहत 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। इन बसों का ट्रायल देश के 100 शहरों में होगा।

कैबिनेट की बैठक में लिए गए इन फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दी गई है। यह योजना 57,613 करोड़ रुपये की है। इन 57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार मुहैया कराएगी। बाकी की धनराशि राज्य सरकारें उपलब्ध कराएंगी। इस योजना से 10 सालों के लिए बस ऑपरेटर्स को सपोर्ट किया जाएगा।

पीपीपी मॉडल के तहत की जाएगी बसों की खरीद

ठाकुर ने कहा कि इन बसों की खरीद पीपीपी मॉडल के तहत की जाएगी। इसके लिए बिडिंग प्रक्रिया शुरू होगी, ऐसे में निजी कंपनियों को सुनहरा अवसर मिलेगा। यह योजना 2037 तक चलाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ऐसे शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां बस सेवा का कोई संगठित ढांचा नहीं है। इससे सीधेतौर पर 45,000 से 55,000 रोजगारों का सृजन होगा।

क्‍या है पीएम विश्वकर्मा योजना

केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना को भी मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत लोगों के पारंपरिक कौशल वाले लोगों को आर्थिक मदद दी जाएगी। इनमें सुनार, लोहार, नाई और चर्मकार जैसे पारंपरिक कौशल वाले लोग शामिल हैं। योजना के तहत तय शर्तों के तहत एक लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराया जाएगा।

विश्वकर्मा योजना में कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, उनमें सुधार और घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर लोगों की इन उत्पादों तक पहुंच के दायरे को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने हमारे आईटी पेशेवरों की स्किल के स्तर में सुधार किया है। पांच लाख से अधिक आईटी पेशेवर के कौशल में सुधार किया गया है। उमंग प्लेटफॉर्म पर सरकार की 1700 सेवाएं उपलब्ध हैं। अब इसमें 540 सेवाएं और जोड़ी जा रही हैं।

15 अगस्त के दिन पीएम मोदी ने किया था एलान

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के मौके पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कई योजनाओं का ऐलान किया था। इनमें विश्वकर्मा योजना का भी ऐलान किया गया था।

उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में विश्वकर्मा जयंती पर हम 13-15 हजार करोड़ रुपये से नई ताकत देने के लिए ‘विश्वकर्मा योजना’ (Vishvakarma Yojana) की शुरुआत करेंगे। पीएम ने कहा था कि सरकार इस योजना के जरिए पारंपरिक कौशल वाले लोगों को मदद पहुंचाएगी। इसमें सुनार, लोहार, नाई और चर्मकार जैसे पारंपरिक कौशल वाले लोगों को शामिल किया जाएगा और उन तक सहायता पहुंचाई जाएगी।

 

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