रांचीः शुक्रवार को रांची के हटिया स्टेशन में बड़ा रेल हादसा हो गया. ट्रेन संख्या 08021 स्पेशल ट्रेन दुर्ग से हटिया के लिए रवाना हुई थी. जैसे ही ट्रेन शाम 3.30 बजे हटिया स्टेशन पहुंची ट्रेन की एसी और जेनरल डिब्बा एक दूसरे पर चढ़ गया. जिससे दोनों डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए और उसमें आग भी लग गयी. घटना की खबर से पूरे रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया. अधिकारियों के फोन बजने लगे. मौके पर रेलवे महकमा घटनास्थल पर पहुंचा इसके साथ ही एनडीआरएफ, अग्निशमन को त्वरित सूचना दी गई. लेकिन ये सब कुछ एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था.

इस घटना में बताया गया कि बोगी संख्या D1,B1 एक दूसरे से टकरायी है. जिससे शार्ट सर्किट हुई और देखते ही देखते दोनों बोगियां आग के चपेट में आ गयीं. आनन-फानन में करीब सौ यात्रियों को बचाया गया. लेकिन इसमें 2 यात्री की दुर्भाग्यवश मौत हो गई. जी हां, यह घटना शुक्रवार को रांची में हुई लेकिन यह तमाम बातें एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था. रेलवे की ओर से इस ड्रिल के माध्यम से रेलवे के सहयोगी संस्थाओं को अलर्ट करने की कोशिश थी कि रेल विभाग कितना तत्पर और सचेत है.

स मॉक ड्रिल की जानकारी किसी को नहीं थी. सिर्फ कुछ अधिकारियों के पास ही इस मॉक ड्रिल की जानकारी थी. अधिकारियों का मानना था कि एनडीआरएफ की टीम, सुरक्षाकर्मी कितना मुस्तैद है, मेडिकल टीम कितनी जल्दी एक्शन लेती है, साथ ही रेस्क्यू का काम कितना त्वरित गति से हो पाता है. इसका आकलन करने के लिए Ranchi Railway Divisional Manager की ओर से इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था. पुलिस के साथ रेल प्रशासन का तालमेल दिखाने की कोशिश की गयी थी और कितने जल्दबाजी में सुरक्षाकर्मी रिएक्ट करते हैं. यह पूरा घटनाक्रम इस मॉक ड्रिल में दिखाया गया.


मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षा का आकलन
समय-समय पर Ranchi Railway Division की ओर से अपनी सुरक्षा स्ट्रैटेजी और दुर्घटना होने पर कैसे निपटा जाए बचाव कैसे किया जाए इन तमाम गतिविधियों का आकलन करने के उद्देश्य से मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता रहा है. रांची रेल मंडल की ओर से आयोजित यह ड्रिल सफल भी हुआ. इस मौके पर आरपीएफ के अधिकारी, रेल मंडल के तमाम पदाधिकारी, डीआरएम खुद और एनडीआरएफ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान पुलिस प्रशासन के साथ रेल प्रशासन का बेहतर तालमेल भी दिखा.

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