Joharlive Team
रांची। झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ ने हड़ताल स्थगित करने की घोषणा कर दी है। प्रोजेक्ट भवन में आज ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के साथ वार्ता के बाद हड़ताल को स्थगित करने की घोषणा की गई। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मनरेगा से जुड़े आत्मा कमेटी के अध्यक्ष उदय प्रसाद ने किया। उन्होंने कहा कि 5 सूत्री मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया गया। स्थायीकरण और वेतनमान के लिए एक कमेटी बनाने की बात हुई है।सामाजिक सुरक्षा के तहत आंशिक क्षति होने पर 25 हजार, मेजर दुर्घटना होने पर 50 हजार और निधन होने पर पांच लाख का प्रावधान किया गया है। जहां तक मनरेगा कर्मियों को बर्खास्त करने की बात है तो अब बर्खास्तगी से पूर्व जिला स्तर पर अपना पक्ष रखने के बाद मनरेगा कर्मी प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष भी अपनी बात रख सकते हैं। मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष को बर्खास्त किया गया था उस पर भी नियम संगत विचार करने का आश्वासन दिया गया है। रोजगार सेवकों को बीपीओ में बहाल करने के मामले में प्राथमिकता दी जाएगी. पंचायत सचिव के अधीन मनरेगा कर्मी काम करते हैं। इस मामले में मनरेगा कर्मियों के अधिकार क्षेत्र में इजाफे पर भी विचार करने का आश्वासन दिया गया है. तमाम आश्वासनों पर एक से सवा महीना के भीतर तमाम प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आज भी बैठक के बाद मनरेगा कर्मियों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया है।मुख्य रूप से 5 मांग में से तीन मांग पर सहमति बनी है। सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान होगा। सेवानिवृत्ति की उम्र पूरी होने के बाद ईपीएफ की सुविधा दी जाएगी। सेवा से बर्खास्त करने पर प्रमंडलीय आयुक्त के पास पक्ष रखने का अधिकार होगा. अपनी मांगों को लेकर झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ के के करीब 5,000 कर्मचारी पिछले 27 जुलाई से हड़ताल पर थे. इसकी वजह से मनरेगा का काम प्रभावित हो रहा था। बातचीत को लेकर कई बार कोशिश से हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पिछली बैठक में भी सामाजिक सुरक्षा, रिटायरमेंट लाभ और सेवा बर्खास्तगी मामले पर आश्वासन मिला था लेकिन मनरेगा कर्मी लिखित आश्वासन पर अड़े हुए थे। इस बैठक में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी भी मौजूद थे।