Joharlive Team
रांची। झारखंड में ग्रामीण परिवारों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत स्थायी आजीविका प्रदान करने की दिशा में राज्य सरकार ने कोरोना कालखण्ड के बावजूद बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
झारखंड में पिछले आठ माह में ही 890 लाख मानव दिवस का सृजन हो चुका है। लक्ष्य 900 लाख मानव दिवस सृजन का है। झारखण्ड उसे भी प्राप्त करने के करीब है। 12.5 लाख मानव दिवस के लक्ष्य के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है, जिसे मार्च तक प्राप्त करने का काम किया जा रहा है। आठ लाख से अधिक मानव दिवस का सृजन कर झारखण्ड पूरे देश में सातवें स्थान पर पहुंच गया है अब तक कुल आठ लाख 77 हजार 682 नये परिवरों को जॉबकार्ड दिया गया, जिसमें कुल 11 लाख 95 हजार 639 मजदूर शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखण्ड के लिए 2,74,184 लाख रुपये तथा 800 लाख मानव दिवस श्रम बजट का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मनरेगा मजदूरों को ससमय पारिश्रमिक प्रदान करने के मामले में झारखंड राज्य ने पूरे देश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। ससमय पारिश्रमिक भुगतान के मामले में प्रथम स्थान हासिल करने के लिये सरकार ने रोजगार अभियान चलाया और पंचायत स्तर पर योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये मनरेगा मजदूरों को एकसूत्र में बांधने का प्रयास किया। रोजगार अभियान के 35 दिनों के अंदर 140 लाख मानव दिवस सृजन कर करीब 82 हजार योजनाओं को भी पूरा किया गया।