रांची: झारखंड विधानसभा सत्र के चौथे और अंतिम दिन विधानसभा परिसर में राजनीतिक हलचल तेज रही, जहां सीजीएल परीक्षा रद्द करने और राज्य में बालू की कमी के मुद्दे पर जोरदार विरोध हुआ. भाजपा विधायक कुशवाहा शशि भूषण मेहता बालू की कालाबाजारी और कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि के खिलाफ विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए. उन्होंने पलामू जिले में एक सप्ताह के अंदर बालू की कीमतों में हुई वृद्धि पर चिंता जताई और मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की.
भाजपा के पूर्व विधायक अमित यादव ने सीजीएल परीक्षा के अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने रोजगार और बालू जैसे बुनियादी मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया. भाजपा विधायक राज सिन्हा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में रोजगार और बालू जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा न होना दुखद है. उन्होंने कहा कि सदन में सरकार को आईना दिखाया जाएगा और युवाओं को रोजगार देने के बदले लाठियां मिल रही हैं. वहीं, आजसू विधायक निर्मल महतो ने बालू को फ्री किए जाने की बात कही और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो कालाबाजारी बढ़ती जाएगी और आम लोग परेशान होंगे. उन्होंने राज्य में प्रति ट्रैक्टर पैसे की वसूली को लेकर भी सरकार से सुधार की मांग की.
विपक्ष के आरोपों पर बचाव करते हुए सत्ता पक्ष के मंत्री सुदिव्य कुमार ने सीजीएल परीक्षा रद्द करने के सवाल पर कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी सबको है, लेकिन अगर इससे सार्वजनिक व्यवस्था में विघ्न आता है तो कानून अपना काम करेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि छात्र यदि अपने मुद्दों को सही मंच पर उठाएंगे तो समाधान होगा. झामुमो विधायक अमित महतो ने कहा कि सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही है और विकास का काम निरंतर जारी रहेगा.