JoharLive Teem : बसपा विधायक कुषवाहा षिवपूजन मेहता ने विधानसभा सभागार में स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मामला जपला जपला सीमेंट फैक्ट्री की जमीन पर उद्योग लगाने के सरकार द्वारा समयवद्ध ठोस आश्वासन नहीं दिये जाने के विरोध में। विधायक से जब इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अब याचना नहीं रण होगा।
दरअसल, कुशवाहा ने शुक्रवार को सदन में अपना गैर सरकारी संकल्प लाया था। उसमें उनका कहना था कि पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड स्थित जपला सीमेंट फैक्ट्री का स्क्रैप निलाम हो गया तथा फैक्ट्री का जमीन बचा हुआ है। इस जमीन पर उद्योग लगनी चाहिए। इसके जवाब में सरकार की ओर से मंत्री सीपी सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर लिक्विडेटर नियुक्त करने की प्रक्रिया की जा रही है। निवेशक के आते ही वहां पर सरकार किसी उद्योग को लगाने की दिशा में तत्परता से काम करेगी। इस क्रम में मंत्री व मेहता के बीच काफी नुक्ता-चीनी भी हुई। मंत्री ने कहा कि सरकार जो आश्वासन देती है, उसे पूरा करती है। सरकार बिजनेस नहीं करती। मेहता भी बोलते चले गये कि सरकार शराब बेचती है और कहती है कि बिजनेस नहीं करते। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुआ, कोई भी निवेशक क्यों नहीं आया। बात बढ़ती गयी और स्पीकर ने कहा कि आप अपना संकल्प वापस लेंगे या आसन मतविभाजन कराये। मेहता तैयार नहीं हुए और कहा कि वह विधायिकी से इस्तीफा देना पसंद करेंगे। यह कहते हुए वह स्पीकर के पास अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि स्पीकर ने उस समय सुझाव भी दिया कि भावावेश में निर्णय लेना उचित नहीं होगा। बाद में हेमंत सोरेन, सुखदेव भगत, इरफान अंसारी ने भी बहुत समझाने की कोशिश की पर मेहता कुछ भी बोलने के बदले उदास होकर बैठ गये।
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