उत्तराखंड : यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बन रही एक सुरंग के धंस गई है, जिसमें काम कर रहे 36 मजदूर फंस गए हैं. सुरंग में फंसे 36 मजदूरों में से 13 झारखंड के है. जानकारी के अनुसार इनमें बिरनी के सिमराढाब के बुधन महतो का इकलौता पुत्र 25 वर्षीय सुबोध वर्मा व केशोडीह विश्वजीत वर्मा है. दोनों काम की तलाश में उत्तराखंड गये थे और इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से दोनों रोजगार की तलाश में घर से बाहर निकले हैं. बुधन महतो का एक बेटा है और एक बेटी बेटी का विवाह हो चुका है. वहीं गिरिडीह इलाके के दो मजदूर भी इनमें शामिल है.
अविलंब मदद की व्यवस्था कराए सरकार-दीपिका
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने मजदूरों की मदद को लेकर सीएम हेमंत सोरेन से गुहार लगाई है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि श्रमिक भाइयों की अविलंब मदद की व्यवस्था हो.
सिलक्यारा बैण्ड (गिनोटी) में निर्माणाधीन टनल में अचानक भूपसाव होन के कारण टनल में कार्यरत कुल 40 श्रमिक टनल के अन्दर फसें हुए हैं।
इन श्रमिकों में से कुल 13 श्रमिक झारखण्ड से हैं,मैं माननीय मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी से निवेदन करूंगी कि हमारे श्रमिक भाइयों की अविलंब मदद की… pic.twitter.com/zCWGxlFUog— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) November 13, 2023
रेस्क्यू का काम जारी
बता दें कि रविवार सुबह 4 बजे यह हादसा हुआ. ड्रिल मशीन की मदद से मलबे को काटा जा रहा है. रेस्क्यू के लिए NDRF, SDRF, फायर ब्रिगेड, नेशनल हाईवे के करीब 156 लोग लगे हुए हैं. अफसरों के मुताबिक, मजदूरों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है.
टनल में फंसे लोगों से बात हुई
मौके पर तैनात पीआरडी के जवान रणवीर सिंह चौहान ने कहा कि सेफ्टी डिपार्टमेंट वालों ने टनल में फंसे लोगों से बात की है. टनल में फंसे लोगों तक हमारी आवाज पहुंच रही है और वह खाने-पीने की वस्तुओं को अब ना भेजने को कह रहे हैं. साथ ही टनल में फंसे लोग गर्मी होने की बात कह रहे हैं. हम टनल के अंदर 15 मीटर तक जा चुके हैं और लगभग 35 मीटर और अंदर जाना है.
इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रांची व खूंटी दौरा : 7 आईएएस व 5 आईपीएस रहेंगे कार्यक्रम स्थल में तैनात