राजेश तिवारी
रांची : झारखंड में भले ही ठंड ने दस्तक दे दी हो, लेकिन राज्य का सियासी पारा लगातार गर्म दिख रहा है. पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. एक तरफ राज्य के मुख्यमंत्री लोगों तक योजनाएं पहुंचाने को लेकर रेस दिख रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बता रहा है. विपक्ष द्वारा लगातार हमलावर होने के बावजूद हेमंत सोरेन प्रशासनिक मोर्चे पर काफी सक्रिय दिखायी दे रहे हैं. हर योजना पर नजर ही नहीं, बल्कि खुद से मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री राजनीतिक मोर्चे पर भी बेहद सक्रिय नजर आ रहे हैं.
विपक्षी दलों द्वारा लगाये जा रहे तमाम आरोपों के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य की जनता के लिए काम कर रहे हैं. एक के बाद एक कई योजनाएं ला रहे हैं. सरकार इसे अपने माध्यम से जनता के बीच ले जा ही रही है. वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दल, सत्ताधारी दलों के हर कार्य को महज चुनावी स्टंट बता रहा है. दरअसल, 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव होना है, जिसे लेकर राज्य में सियासी हलचल चरम पर है.
पिछले दो महीने में उन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों की यात्राएं की हैं और एक सौ से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन किया है. यही नहीं, प्रमंडल और जिला स्तर पर रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने का भी एक अभियान राज्य में चल रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री खुद शिरकत कर रहे हैं.
इधर, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा पहले से ही चुनावी मोड में आ चुकी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी लगातार लोगों से मिल रहे हैं. आमजनों के बीच दौरा शुरू कर दिया है. संकल्प यात्रा के जरिये भाजपा की उपलब्धि औऱ वर्तमान सरकार की नाकामियों को लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. एक सप्ताह पूर्व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रांची आकर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया.
हाथ से निकल चुकी सीटों पर राजग द्वारा जोरदार घेराबंदी की जा रही है. उन सारी सीटों पर केंद्रीय स्तर पर सात नेताओं की टीम काम कर रही है. इसमें झारखंड में चाईबासा और राजमहल सीट शामिल है, ये दोनों सीटें केंद्रीय नेता हरीश द्विवेदी देख रहे थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इन सीटों की जवाबदेही संजीव चौरसिया को दे दी गयी है. बिहार के दीघा से विधायक संजीव चौरसिया पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी कर चुके हैं.
बूथ स्तर पर भी काम शुरू कर दिया गया है. कार्यकर्ताओं को कई तरह की जिम्मेवारियां सौंपी गयी हैं. हर बूथ पर सोशल और राजनीतिक समीकरण से लेकर पिछले तीन चुनावों के स्तर पर मोटिवेटर हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा लगातार विपक्षी पर हमलावर बना हुआ है. भाजपा के हर सवाल का जवाब झामुमो दे रहा है. वहीं, कांग्रेस व राजद भी विपक्ष पर हमला कर रहे हैं. इधर, कोई दिन ऐसा नहीं होता, जब बाबूलाल मरांडी सीधे हेमंत सोरेन पर हमला नहीं बोलते.
कुछ माह पूर्व झामुमो की सेंट्रल कमेटी की हुई बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को अलर्ट किया और कहा-‘हमारा विरोधी हर वक्त चुनावी मोड में रहता है. उनके पास संसाधन भी है और चालाकी भी. वह कब किस हद तक जा सकते हैं, अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. इसलिए क्षेत्र में जाएं. हमारी सरकार की उपलब्धियां जनता को बताएं.’ इसके अलावा 50 लाख सदस्य बनाने का भी पार्टी ने निर्णय लिया है.
मिशन-2024 को लेकर कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. सभी सीटों पर को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन कर दिया गया है. कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने बताया कि सभी लोकसभी सीटों पर बूथ स्तर पर कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. लोकसभा प्रभारी और संयोजक मंडल का भी गठन कर दिया गया है. झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे लगातार झारखंड दौरा कर रहे हैं औऱ पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं.
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