सरायकेला : एसपी ने थानेदार नीतीश कुमार को निलंबित करने का फरमान जारी कर दिया है। जिसके बाद जिला पुलिस में हड़कंप मच गया है। एसपी के निर्देश के बाद कई सवाल एक साथ उठने लगे है कि आखिर थानेदार को किस गुनाह की सजा दी गई है। जानकार इसे राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल थाने के कथित खबरी (एसपीओ) दिनेश साहू के गुनाहों की सजा नीतीश को मिली है। बता दें कि सरायकेला बाजार के रहने वाले 16 वर्षीय युवक सागर ने बुधवार को सीनी रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
इसको लेकर गुरुवार सुबह से ही सरायकेला विधायक प्रतिनिधि सनंद आचार्य परिजनों के साथ नाबालिग के शव को लेकर थाने पर प्रदर्शन कर रहे थे। सभी आरोपी दिनेश साहू की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इस बीच छह घंटे तक प्रदर्शन होता रहा। अंततः एसपी के निर्देश पर थानेदार को निलंबित करने और आरोपी दिनेश साहू की गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद लोगों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। वहीं एसपी ने सर्किल इंस्पेक्टर राम अनूप महतो को पूरे मामले के जांच का जिम्मा सौंपा है।
क्या है पूरा मामला
जमशेदपुर के साकची थाने में सरायकेला बाजार निवासी सागर राणा के खिलाफ मोबाइल चोरी किए जाने की एक शिकायत दर्ज कराई गई। थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने इसके अनुसंधान का जिम्मा एसआई अभिमन्यु कुमार को सौंपा था। एसआई ने एसपीओ दिनेश साहू को सागर के घर जाकर उसे मोबाइल के साथ थाने में उपस्थित होने का कार्य सौंपा। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि दिनेश साहू ने सागर के घर आकर उसकी नाबालिग बहन को धमकाते हुए मामले से बचाने के लिए 50,000 की मांग की। नहीं देने की स्थिति में दिनेश साहू ने जेल भिजवाने की धमकी दी। तनाव में आकर सागर राणा ने सीनी जाकर रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली। वहीं सरायकेला बाजार के खोमचा से लेकर ठेला और दुकानदारों ने भी दिनेश साहू की शिकायत की है। आक्रोशित दुकानदारों ने कहा कि दिनेश साहू थाने का रौब दिखाकर हमेशा उन्हें प्रताड़ित करता है।