तिरुवनंतपुरम : केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी एक कार्यक्रम में भारत माता की जय न बोलने वालों पर भड़क उठीं. मामला केरल में हुए एक युवा सम्मेलन का है. दरअसल, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी शनिवार को केरल में थीं. यहां वह एक युवा सम्मेलन में शामिल हुईं. इस कार्यक्रम में भारत माता की जय बोलने को लेकर विवाद पैदा हो गया. कार्यक्रम में मीनाक्षी लेखी ने भारत माता की जय कहा लेकिन दर्शकों के एक वर्ग ने कुछ नहीं कहा.

मीनाक्षी लेखी ने उनके मुंह बंद देखे तो उन्हें भी भारत माता की जय बोलने को कहा लेकिन उस ओर से कोई जवाब नहीं आया. मीनाक्षी ने एक युवती को खड़ा करके उसे तीन से चार बार भारत माता की जय बोलने को कहा लेकिन वह कुछ नहीं बोली. इस पर मीनाक्षी भड़क गईं और उन्होंने उस युवती को बाहर निकलने को कह दिया.

मीनाक्षी लेखी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बार-बार कहने के बावजूद उन्होंने ‘भारत माता की जय’ का नारा नहीं लगाया. स्पष्ट रूप से वह अप्रसन्न दिख रही थीं. लेखी ने उनसे पूछा कि क्या भारत उनकी मां नहीं हैं?

बता दें कि केरल में इस सम्मेलन का आयोजन नेहरू युवा केंद्र और राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह समिति ने किया था. इसमें बीजेपी की सीनियर नेता मीनाक्षी लेखी दिल्ली से केरल पहुंची थीं. अपने भाषण का समापन करते हुए, वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी ने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया और दर्शकों से इसे दोहराने के लिए कहा.

चूंकि दर्शकों की प्रतिक्रिया अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी तो उन्होंने पूछा कि क्या भारत उनका घर नहीं है? केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा, ‘क्या भारत सिर्फ मेरी मां है या आपकी भी मां है? मुझे बताओ…मुझे बताओ…क्या इसमें कोई संदेह है? कोई संदेह नहीं?…उत्साह व्यक्त करने की जरूरत है.’ उन्होंने नारा दोहराया और कहा कि बाईं ओर के दर्शकों की प्रतिक्रिया अभी भी अच्छी नहीं है.

उन्होंने दर्शकों में से एक महिला की ओर इशारा करते हुए लेखी ने कहा, ‘पीली पोशाक वाली महिला खड़ी हो सकती हैं. बगल की तरफ मत देखिए. मैं आपसे इसी तरह बात करने जा रही हूं. मैं आपसे एक सवाल पूछने जा रही हूं. सीधा सवाल. भारत आपकी माता नहीं हैं?… यह रवैया क्यों?’

मीनाक्षी लेखी ने दोबारा भारत माता की जय के नारे लगाए लेकिन, महिला अभी भी ऐसे ही खड़ी थी. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिसे देश पर गर्व नहीं है और जिसे भारत के बारे में बोलना शर्मनाक लगता है, उसे युवा सम्मेलन का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं है. जिन्हें भारत के बारे में बोलने में शर्म आती है, उन्हें युवा सम्मेलन का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं है.

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