रांची। झारखंड में ‘इंडिया’ बनाम ‘एनडीए’ का पहला दंगल डुमरी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में खेला जाएगा। हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे जगरनाथ महतो विधानसभा में डुमरी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। बीते 6 अप्रैल को उनका निधन हो जाने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव होना है। उम्मीद की जा रही है कि चुनाव आयोग इसी महीने तारीख का ऐलान कर देगा। इसे लेकर मुकाबले का फील्ड सजने लगा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को मंत्रिमंडल में शामिल कर पहला दांव चल दिया है। बेबी देवी को मंत्री बनाने के साथ ही तय हो गया है कि राज्य के सत्ताधारी गठबंधन की उम्मीदवार वही होंगी। उनका सीधा मुकाबला एनडीए के प्रत्याशी के साथ होगा। एनडीए के प्रत्याशी का चेहरा अभी सामने नहीं आया है। यह प्रत्याशी भाजपा या आजसू पार्टी में से किसी एक का होगा।

इस बात की ज्यादा संभावना है कि एनडीए आजसू पार्टी के प्रत्याशी पर ही दांव लगाएगा, क्योंकि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में इस पार्टी का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा था। भाजपा यहां तीसरे नंबर पर रही थी। उस चुनाव में भाजपा और आजसू के रास्ते अलग-अलग हो जाने के कारण एनडीए की छतरी में छेद हो गई थी। इससे दोनों को नुकसान हुआ और अब वह फिर से एक छतरी के नीचे हैं।

दिल्ली में पीएम मोदी की अगुवाई में मंगलवार को हुई मीटिंग में आजसू के सुप्रीमो सुदेश महतो भी शामिल हुए। पीएम मोदी के साथ सुदेश महतो की गर्मजोशी भरी मुलाकात की सामने आई तस्वीर इस बात की तस्दीक कर रही है कि इस बार राज्य में दोनों पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। देश में ‘इंडिया’ बनाम ‘एनडीए’ के लिए जिस तरह की मोर्चेबंदी हो रही है, उसकी एक छोटी सी झांकी डुमरी के इस मिनी दंगल में भी दिखेगी।

झारखंड में “इंडिया” की कमान स्वाभाविक तौर पर झामुमो के कार्यकारी प्रमुख हेमंत सोरेन के हाथ में होगी, जबकि दूसरी तरफ यहां एनडीए के सेनापति भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी होंगे। डुमरी की लड़ाई में इन दोनों खेमों के सेनापतियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी। झामुमो के जगरनाथ महतो ने डुमरी विधानसभा क्षेत्र में पिछले चार चुनावों में लगातार जीत दर्ज की थी। 2019 के चुनाव में जगरनाथ महतो को 71,128 वोट मिले थे, जबकि 36,840 वोटों के साथ आजसू उम्मीदवार यशोदा देवी दूसरे स्थान पर थीं। भाजपा के प्रदीप साहू 36,013 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे।

जाहिर है, इस बार उपचुनाव में भाजपा और आजसू की एका होने पर झामुमो प्रत्याशी को तगड़ी टक्कर मिलेगी। झारखंड में वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद से अब तक पांच उपचुनाव हो चुके हैं। दुमका, मधुपुर, बेरमो, मांडर और रामगढ़ सीटों पर अलग-अलग वजहों से हुए उपचुनाव में झामुमो की अगुवाई वाले सत्ताधारी गठबंधन ने चार बार जीत दर्ज की। सिर्फ एक सीट रामगढ़ का परिणाम, सत्ताधारी गठबंधन के खिलाफ गया। यहां कांग्रेस के प्रत्याशी को एनडीए (आजसू) प्रत्याशी के सामने शिकस्त खानी पड़ी।

चूंकि 2024 के लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव को लेकर सियासी माहौल बनना शुरू हो गया है, तो झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन यानी ‘इंडिया’ के सेनापति हेमंत सोरेन उसके पहले होनेवाले इस उपचुनाव की चुनौतियों को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाने के साथ उनकी उम्मीदवारी तय कर दी है। इसके बाद वह एक हफ्ते के भीतर दो बार डुमरी क्षेत्र में कार्यक्रम कर चुके हैं।

सीएम के तौर पर क्षेत्र को चुनावी सौगात देने में भी वह पीछे नहीं हैं। जनसभा में जगरनाथ महतो के नाम पर डिग्री क़ॉलेज स्थापित करने का वादा कर चुके हैं। बुधवार को डुमरी में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभुकों के बीच करोड़ों की परिसंपत्तियां बांटीं।

दूसरी तरफ एनडीए ने भी इस चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। आजसू पार्टी के नेता-कार्यकर्ता इलाके में जनसंपर्क साध रहे हैं। चुनावी रणनीति को लेकर जल्द ही भाजपा और आजसू के नेता एक साथ बैठने वाले हैं।

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