Joharlive Desk

नई दिल्ली। मिंडी कालिंग को हॉलीवुड में कई चीजें महसूस कराती थी कि वह बाकियों से अलग हैं। ऐसे में उन्हें लंबे वक्त तक आउटसाइडर होने का अहसास होता रहा।

अभिनेत्री, जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं, उन्हें खुशी है कि अब चीजें बदल रही हैं, और उनका कहना है कि इसके लिए सही प्रतिनिधित्व बहुत मायने रखता है।मिंडी ने एक साक्षात्कार में बताया कि पश्चिम में उनके रंग की महिलाओं के लिए चीजें कैसे बदल गई हैं। उन्होंने कहा, “हम इस बारे में बात करते हैं कि हॉलीवुड में प्रतिनिधित्व कितना मायने रखता है, इतना कि यह लगभग अपना अर्थ ही खो देता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यही वास्तविक है।”

मिंडी, जो अपने नए नेटफ्लिक्स शो ‘नेवर हैव आई एवर’ के लिए सराहना बटोर रही हैं, उन्होंने आगे कहा, “बड़े होकर, मैंने महसूस किया कि टीवी पर मेरे जैसा दिखने वाला कोई नहीं था, इसलिए मैंने अक्सर खुद को उन लोगों के समान देखा, जो मेरे थे और कॉस्बी परिवार या व्हाइट सिटकॉम में कोई न कोई किरदार निभाते थे।

आप कल्पना नहीं कर सकते कि मैं कितनी उत्साहित थी, जब ‘बेंड इट लाइक बेकहम’ आया। इस विचार ने मेरे होश उड़ा दिए कि मैं वास्तव में अपने समुदाय के लोगों को ऑनस्क्रीन देख सकती हूं।”मिंडी हमेशा विविधता और सही प्रतिनिधित्व करने वाली इंसान रही हैं।

24 साल की उम्र में वह एकमात्र ऐसी महिला थीं जब वह लोकप्रिय शो ‘द ऑफिस’ की लेखन टीम में शामिल हुईं, जिसमें उन्होंने केली कपूर की भूमिका भी निभाई थी।अपनी जातीयता और लिंग के कारण रूढ़िवादी रवैये का सामना करने के दिनों को याद करते हुए 40 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा, “जब मैंने शुरुआत की, तब दोनों की वजह से मुझे थोड़ा संघर्ष करना पड़ा था।”

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