Joharlive Team

रांची । झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि लॉकडाउन से उत्पन्न संकट से निपटने के लिए सरकार ना सिर्फ घर वापस लौटे प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार की व्यवस्था करेगी बल्कि झारखंड में रहने वाले सभी श्रमिकों के लिए भी रोजगार की व्यवस्था करेगी। डॉ उरांव आज रांची में झारखंड प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राहत निगरानी समिति के सदस्य प्रदीप तुलस्यान, सदस्य सह प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, राजेश गुप्ता छोटू और लाल किशोर नाथ शाहदेव के साथ-साथ शकील अख्तर अंसारी, रवीन्द्र सिंह, मदन मोहन शर्मा, ज्योति सिंह मथारू, सुरेन्द्र सिंह, नरेन्द्र लाल गोपी, अजय सिंह, जितेन्द्र त्रिवेदी भी उपस्थित थे।

डॉ उरांव ने कहा कि अब मॉनसून का आगमन होने वाला है ऐसे में मिट्टी का काम बंद हो जाएगा, साथ ही मनरेगा और ग्रामीण सड़क निर्माण की योजनाएं भी बंद हो जाएगी। लेकिन राज्य सरकार बारिश के मौसम में राज्य भर में पौधरोपण का कार्यक्रम कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि पौधरोपण से ना सिर्फ लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि हरियाली भी बढ़ेगी। डॉ उरांव ने कहा कि बारिश के मौसम में निर्माण कार्य चलता रहता है, सरकार निर्माण कार्य में पूरी छूट देगी और लोगों को सीमेंट छड़ बालू तथा अन्य जरूरत के सामान उपलब्ध कराने में मदद भी करेगी।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि बारिश के मौसम में किसानों के समक्ष दोहरी चुनौती रहती है एक ओर उन्हें खेतों के लिए खाद बीज और अन्य संसाधनों का इंतजाम करना पड़ता है दूसरी तरफ घर परिवार चलाने के लिए अनाज और राशन की व्यवस्था भी करनी होती है। उन्होंने संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार से किसानों को अधिक से अधिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। डाॅ0 उराॅंव ने केंद्र सरकार से अनाज वितरण का काम अगले 6 महीने दिसम्बर तक मुफ्त राशन देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आने वाले 6 महीनों में किसानों और श्रमिकों को अनाज मुहैया कराना जरूरी है इसलिए केंद्र सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) के दरवाजे को गरीबों के लिए पूरी तरह से खोल कर रखें।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 रामेश्वर उराॅंव के हवाले से कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन को लेकर जल्दबाजी में लिये गये फैसले और अब भी बिना सोचे-समझे या ठोस रणनीति बनाये कदम उठाने से कई जटिलता उत्पन्न हुई है।

डॉ. उरांव ने आज रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन 5.0 में केंद्र सरकार की ओर से कई रियायतें देने की घोषणा की गयी है और इसकी जिम्मेवारी राज्य सरकारों पर सौंपी गयी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में भविष्य की रणनीतियों, आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने और राज्य के श्रमिकों एवं घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को उनकी दक्षता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ठोस रणनीति बनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण राजस्व संग्रहण की गति भी धीमी हो गयी है,ऐसे में विकास योजनाओं के लिए अधिक से अधिक धनराशि उपलब्ध करा कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।

श्री दूबे ने कहा कि लॉकडाउन में निश्चित रूप से और अधिक छूट मिलेगी, लेकिन अभी कोरोना संक्रमण के फैलाव का खतरा खत्म नहीं हुआ है, स्कूल-कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों को खोलने की अनुमति अभी नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे एक स्थान पर भीड़ एकत्रित होगी और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में धीरे-धीरे कई छूट देने के पक्ष में है,ताकि स्थिति सामान्य हो सकी, अभी सरकार की पहली प्राथमिकता जीवन की सुरक्षा के साथ-साभी सभी को जीविका का साधान और रोजगार उपलब्ध कराना है।

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