Joharlive Team

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग पहुंचे। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए हवाई जहाज का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है। श्री सोरेन ने कहा कि विशेष ट्रेनों और बसों  से प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों  को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है और यह  प्रक्रिया तबतक चलेगी जब तक सभी प्रवासी श्रमिक सुरक्षित घर नहीं आ जाते हैं।
श्री सोरेन ने कहा कि ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जो कुछ लिखा है उस पर उन्हें कुछ कहना नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि राज्य सरकार क्या कर रही है। बहुत जद्दोजहद के बाद ट्रेनों की परमिशन मिली है और जो भी आंकड़े सामने हैं उसे सभी जानते हैं।
सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म ट्विटर पर कथित रूप से आक्रामक ट्वीट चल रहे हैं। जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को कहा है कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि मजदूरों को वापस लाने के लिए उन्होंने हवाई जहाज की मांग की है, उस पर परमिशन कब मिलेगा।
राज्य के मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा कि उनकी जानकारी में यह बात आई है कि 319 लोग अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में फंसे हैं। उन्हें वहां काफी समस्याएं हो रही है। वहां रहने और खाने में उन्हें काफी खर्च करना पड़ रहा है। वहीं, झारखंड में उनके परिवार वाले मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे में झारखंड सरकार ने तय किया है कि उन्हें स्पेशल एयरक्राफ्ट से वापस लाया जाए। इस बाबत मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने केंद्रीय गृह सचिव से वहां फंसे लोगों को रांची लाने के लिए इजाजत मांगी है।

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