रांची : झारखंड में सिनेमा के क्षेत्र में प्रगति को समर्पित तीन दिवसीय “मेरा टीवी फिल्म फेस्टिवल” का भव्य समापन हुआ, जिसमें फिल्म उद्योग से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और सिनेमा के भविष्य पर चर्चा की. इस दौरान कुल 56 फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया, जिनमें झारखंड की संस्कृति और समाज को दर्शाने वाली शॉर्ट फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री और मोबाइल फिल्मों की प्रमुखता रही.
फेस्टिवल में भाग लेने वाले 56 में से 29 शॉर्ट फिल्में, 10 डॉक्यूमेंट्री, 11 स्पेशल स्क्रीनिंग और 6 मोबाइल फिल्में प्रदर्शित की गईं. इन फिल्मों में प्रमुख विषयों पर आधारित फिल्में शामिल थीं, जैसे पर्यावरण संरक्षण, बाल विवाह उन्मूलन, मानवाधिकार और सामाजिक बदलाव. फेस्टिवल के अंतिम दिन पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को सम्मानित किया गया.
शॉर्ट फिल्म श्रेणी में पुरस्कार विजेता:
- बेस्ट शॉर्ट फिल्म: ‘पापा और स्मार्टफोन’ (मुंबई)
- द्वितीय: ‘एह!’ (रांची)
- तृतीय: ‘कलर द क्लाउड’ (कोलकाता)
- बेस्ट डायरेक्टर: राज सिसोदिया (‘पापा और स्मार्टफोन’)
- बेस्ट सिनेमेटोग्राफी: सोमभद्र मुखर्जी (‘अ वॉक टू एटर्निटी’)
- बेस्ट एडिटिंग: नैनेश दिनगनकर (‘स्मोक’)
- बेस्ट स्टोरी: विकी माधवन (‘डिलेमा’)
- बेस्ट एक्टर मेल: वरुण उपाध्याय (‘नाम में क्या रखा है’)
- बेस्ट एक्टर फीमेल: आयशी भद्रा (‘एह!’)
डॉक्यूमेंट्री श्रेणी में पुरस्कार विजेता:
- बेस्ट डॉक्यूमेंट्री: चामी मुर्मू
- द्वितीय: ‘पुष्कर कर्स टू डिविनिटी’ (अर्णव प्रताप सिंह)
- तृतीय: ‘मुड़मा जतरा’
- बेस्ट सिनेमेटोग्राफी: अर्णव प्रताप सिंह (‘पुष्कर कर्स टू डिविनिटी’)
- बेस्ट एडिटिंग: अमित मोदक
- बेस्ट स्टोरी: अंकुश कसेरा (‘चामी मुर्मू’)
मोबाइल फिल्म श्रेणी में पुरस्कार विजेता:
- बेस्ट फिल्म: ‘वॉयस ऑफ वॉयसलेस’ (खुशबू)
- द्वितीय: ‘एक और दिवाली’ (समीर कुमार)
- तृतीय: ‘पथिक’ (हर्षित झा)
समापन समारोह और पुरस्कार वितरण:
फेस्टिवल के समापन समारोह में आईएएस अधिकारी चंद्रशेखर, किरण पासी, अंजली यादव, आसिफ इकराम और देवदास दत्ता सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. कार्यक्रम के दौरान झारखंड के लोक कलाकारों ने शानदार नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे समारोह में उत्साह का माहौल बना रहा. विजेताओं को ट्रॉफी, सर्टिफिकेट और नकद पुरस्कार प्रदान किए गए, जिसमें प्रथम पुरस्कार के रूप में 50,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार में 30,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार में 20,000 रुपये की राशि दी गई.
यह फिल्म फेस्टिवल न केवल झारखंड के फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, बल्कि यह राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक मुद्दों को फिल्मों के माध्यम से प्रदर्शित करने का भी एक शानदार अवसर था.