रांचीः झारखंड की जल कर नीति का विरोध शुरू हो गया है. रांची नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षद इसके विरोध में उतर आए हैं. मंगलवार को रांची नगर निगम कार्यालय के सामने झारखंड की नई जल कर नीति के विरोध में मेयर, डिप्टी मेयर और 53 वार्डों के पार्षदों ने धरना दिया. इस दौरान उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय ने झारखंड सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार जनता के हितों की अनदेखी कर नई जल कर नीति ले आई है.

वाटर शुल्क वृद्धि का विरोध

उप महापौर का कहना है कि पूर्व में उपभोक्ताओं को 6 रुपये प्रति किलो लीटर की दर से जल कर का भुगतान करना पड़ता था, जबकि वर्तमान में उपभोक्ताओं को 5 हजार से 50 हजार लीटर शुद्ध पेयजल के उपभोग के लिए डेढ़ गुना अर्थात 9 रुपये प्रति किलो लीटर (1000 लीटर=1 किलोलीटर) की दर से भुगतान करना होगा. इसके अलावा 50 हजार लीटर से अधिक जल का उपयोग करने पर लगभग दो गुना अर्थात लगभग 11 रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा. इसके अलावा उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए पूर्व निर्धारित शुल्क 500 रुपये की जगह 7,000 रुपये भुगतान करना होगा. इस प्रकार राज्य सरकार ने वाटर कनेक्शन शुल्क में पूर्व की तुलना में 14 गुना वृद्धि कर दी है, जो जनविरोधी है.

इस पर भी असंतोष

उप महापौर ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि रांची में नई पाइप लाइन जिस जगह पर बिछाई गई है, वहां फ्री में वाटर कनेक्शन दिया जा रहा है और जिस मोहल्ले या वार्ड में पुरानी पाइप लाइन की व्यवस्था है वहां 7000 पानी का कनेक्शन लेने का चार्ज लग रहा है.

राजभवन के सामने धरना बुधवार को

बुधवार को झारखंड राजभवन के सामने जल कर वृद्धि के खिलाफ रांची महापौर, उपमहापौर और वार्ड सदस्य धरना देंगे. इसको लेकर नेताओं ने धरने में ऐलान किया. बताया कि रांची की जनता के लिए एक दिवसीय धरने का आयोजन किया गया है और सरकार से जलकर वृद्धि को वापस लेने की मांग की जाएगी.

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