लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को छठी बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है. यह निर्णय मंगलवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यकारिणी और स्टेट पार्टी यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया. मायावती को सर्वसम्मति से एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मायावती के नाम की सिफारिश की, जिसे बैठक में सभी ने स्वीकार कर लिया. मायावती ने अपने चुनावी भाषण में भाजपा और कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि ये पार्टियां और उनके गठबंधन बहुजन, दलितों, आदिवासियों, ओबीसी, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के सच्चे हितैषी नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इन पार्टियों की सोच हमेशा जातिवादी और साम्प्रदायिक रही है, जो संविधान की असली मंशा के विपरीत है.

बीजेपी-कांग्रेस पर उठाए सवाल

मायावती ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के शासनकाल में बहुजनों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक हालत में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन पार्टियों ने आरक्षण की व्यवस्था को निष्क्रिय और निष्प्रभावी बना दिया है और बैकलाग के खाली पदों को भरने में भी असफल रही हैं. मायावती ने कहा कि इस स्थिति के खिलाफ अभियान को लगातार जारी रखने की आवश्यकता है.

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