जमशेदपुर। टाटा स्टील में उस समय अफरातफरी मच गई ,जब कोक प्लांट में जबरदस्त विस्फोट हुआ। घटना सुबह 10.30 बजे की है। बताया जा रहा है कि कोक प्लांट के बैट्री नंबर पांच, छह व सात के बीच यह धमाका हुआ है। धमाके में तीन ठेकाकर्मी गंभीर रूप से घायल है। उसके जांघ में चोट लगी है। साथ ही अन्य दो ठेकाकर्मियों को भी हल्की चोटें लगी है। सभी का इलाज टीएमएच में हो रहा है। बैटरी नंबर पांच, छह, सात के गैस लाइन में हाट जाब यानि गैस कटिंग व वेल्डिंग का काम हो रहा था। तभी गैस लाइन से गैस रिसाव होने लगा। गैस लाइन में कोक ओवन गैस था, जिसे कार्बन मोनोआक्साइड भी कहा जाता है। यह काफी ज्वलनशील होता है। इस घटना के बाद कंपनी के अंदर सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। यह जांच का विषय है कि जब गैस लाइन में वेल्डिंग का काम हो रहा था तो गैस लाइन को बंद किया गया था या नहीं।
विस्फोट इतना जबरदस्त था कि कोक प्लांट के आसपास के अन्य दूसरे विभाग के चैंबर के शीशे टूट गए। विस्फोट की आवाज साकची, काशीडीह, एग्रीको समेत गोलमुरी, बर्मामाइंस और बारीडीह जैसे इलाके में सुनी गई। कुछ देर के लिए शहर के लोग दहशत में आ गए और सहम गए। कंपनी के अंदर विस्फोट होने के बाद साकची और बर्मामाइंस क्षेत्र में लोगों की भीड़ लग गई।
पिछले साल 18 जनवरी को भी टाटा स्टील कम्पनी में सोमवार को जोरदार विस्फोट हुआ था। इससे परिसर समेत पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। यह घटना साकची छोर की तरफ तारापुर डंपिंग यार्ड में हुई थी। यहां पर हॉट मेटल को ठंडा करने के लिए एक बड़ी सी टंकी है। इसमें हॉट मेटल को डालकर ठंडा किया जाता है। कभी अगर टंकी में पानी रह जाता है तो इससे काफी प्रेशर रिलीज होता है और यह प्रेशर आवाज के साथ ऊपर उठता है। इस दौरान काफी मात्रा में धुंआ भी निकलता है। धमाके के कारण आसपास की कुछ झाड़ियों में आग लग गई थी, जिसे फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पा लिया था।
तीन साल पहले भी टाटा स्टील के एच ब्लास्ट फर्नेस में जोरदार धमाके के साथ गैस का रिसाव हुआ था और आग लग गई। इस विस्फोट से आसमान में आग और धुंआ निकलने लगा। करीब आठ साल पहले कंपनी परिसर के बड़े गैस होल्डर में इसी तरह का विस्फोट हुआ था, जिसमें 11 कर्मचारी घायल हो गए थे। उस वक्त भी विस्फोट इतना जोरदार था कि लोहे के टुकड़े तेज गति से इधर-उधर छिटक गए। होल्डर फटने के बाद कुछ देर के लिए एलडी गैस का रिसाव हुआ। यह गैस होल्डर एलडी-वन और एलडी-टू विभाग के बीच अवस्थित था। गैस होल्डर पाइप लाइन में गैस का दबाव को मेंटेन करता है। तकनीकी गड़बड़ी से गैस का दबाव बढ़ा और हादसा हो गया था।
होल्डर के एक तरफ काम हो चुका था और दूसरी ओर चल रहा था। तभी गैस होल्डर के ऊपर प्रेशर बताने वाली काउंटर वेट मशीन नीचे गिर गई। कर्मचारी अभी कुछ समझ पाते, तभी होल्डर के ऊपर का ढक्कन विस्फोट के साथ काफी ऊंचाई तक हवा में उड़ गयाथा। इसके बाद होल्डर बीचों-बीच फट गया और विस्फोट से लोहे के टुक ड़े और चैनल इधर-उधर जा गिरे।