रांची : लोकसभा चुनाव में लगभग आठ महीना ही बचा है ऐसे में देश की सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने तरीके से जुट गई है। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले है, जिसे सेमीफाइनल के तौर पर सभी पार्टियां देख रही है। इस बीच बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले चार राज्यों मेें अपना नया कप्तान बनाया है।
इस वजह से 2019 में बीजेपी के हाथ से फिसल गई थी सत्ता
अगर हम झारखंड की बात करें तो यहां बीजेपी ने राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को नियुक्त किया है। बाबूलाल मरांडी को नए प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने एक तीर से कई पर निशाना साधा है। बाबूलाल मरांडी झारखंड के राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे और वे सबसे वरिष्ठ व आदिवासी नेता भी हैं। इन्हें हर कोई चाहता भी है, लेकिन इनके पास कई चुनौतियां भी है। क्योंकि 2019 में दीपक प्रकाश के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव बीजेपी हार गई थी और सत्ता से बाहर हो गई थी। बताया जाता है कि हार की वजह मुख्य रूप से आदिवासी नेता को सामने नहीं लाना, जिसके कारण मतदाता बीजेपी से खासे नाराज थे।
बाबूलाल को मिली है बड़ी जिम्मेदारी
अब देखने वाली बात यह होगी कि बाबूलाल मरांडी इस चुनौती पर कितना खरा उतर पाते हैं। क्योंकि इस बार उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। 2024 में दो चुनाव हैं एक लोकसभा और दूसरा राज्य में विधानसभा चुनाव। अगर ये चुनाव बाबूलाल के नेतृत्व में बीजेपी जीत जाती है तो उनका कद और बड़ा हो जाएगा और बीजेपी को खोई हुई जमीन वापस मिल जाएगी।
बीजेपी ने अपनी गलती को सुधारा!
राजनीतिक जानकारों की माने तो बाबूलाल मरांडी आदिवासी के बड़े नेता हैं। और संताल परगना से ताल्लुक रखते हैं। आदिवासी भी उनको अपना नेता भी मानते हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो संताल परगना में बीजेपी ने दीपक प्रकाश के नेतृत्व में कोई कमाल नहीं दिखाई पायी थी। यही वजह है कि बीजेपी इस बार कोई गलती नहीं फिर से दोहराना नहीं चाहती है। राजनीति जानकारों के अनुसार 2014 में राज्य में जब बीजेपी सत्ता में आई तो गैर आदिवासी रघुवर दास को मुख्यमंत्री बना दिया। वहीं बाद में दीपक प्रकाश को प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी ने बना दिया। जिससे आदिवासी सामाज में बीजेपी के प्रति काफी नाराजगी देखी गई। इसलिए पार्टी बाबूलाल मरांडी को आदिवासियों और भाजपा को जोड़ने की कड़ी मान रही है।
बाबूलाल ने 2020 में अपनी पार्टी जेवीएम को बीजेपी में कराया था विलय
बवर्ष 2019 में झारखंड विकास मोर्चा के बैनर तले चुनाव लड़ने वाले बाबूलाल मरांडी ने वर्ष 2020 में वापस बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था। बीजेपी की ओर से बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग को लेकर स्पीकर से लेकर राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा गया। लेकिन झारखंड विकास मोर्चा से बीजेपी में शामिल होने को लेकर चल रहे दलबदल के मामले के कारण अब तक उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिल पाया है।