विवेक आर्यन

  • बदलेगी झारखंड में भाजपा की तस्वीर, मरांडी होंगे चेहरा
  • रघुवर के करीबी भाजपा नेताओं के लिए आने वाले दिन अच्छे नहीं

रांचीः बाबूलाल मरांडी के भाजपा में विलय की चर्चा चरम पर है. राजनीतिक महकमें की हलचल इसी ओर इशारा कर रही है कि बाबूलाल आज या कल भाजपा में शामिल हो जाएंगे. यदि ऐसा होता है तो आने वाले दिनों में झारखंड में भाजपा की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. और इसका सबसे बड़ा नुकसान उन भाजपा नेताओं को होगा जो पिछली सरकार में बड़े पदों पर थे. रघुवर के करीब होने की वजह से उन्हें जो फायदा हुआ था, उसी का नुकसान उन्हें पड़ सकता है.
इस बात को स्वीकारने में किसी को कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि भाजपा में अर्जुन मुंडा को छोड़कर कोई नेता बाबूलाल के कद का नहीं है. भाजपा में आते ही बाबूलाल अपने हिसाब से पार्टी चलाएंगे और भाजपा की तस्वीर तय करेंगे. ऐसे में यदि आने वाले दिनों में भाजपा सरकार में वापस आती है तो भी मंत्री रह चुके कई नेताओं को मंत्रीमंडल से हाथ धोना पड़ सकता है. कई लोगों की टिकट पर भी गाज गिरेगी.
यही वजह है कि कई भाजपा नेता नहीं चाहते कि बाबूलाल मरांडी भाजपा में आए. इस स्थिति में भाजपा के अंदरखाते कई बड़े बदलाव भी आ सकते हैं.

भाजपा के लिए बाबूलाल और बाबूलाल के लिए भाजपा जरूरी –
बाबूलाल के भाजपा में विलय से दोनों की राह आसान हो जाएगी. रघुवर दास, लक्ष्मण गिलुआ जैसे बड़े नेताओं के हारने के बाद भाजपा को भी एक मजबूत नेतृत्व की तलाश है. इसके अलावा भाजपा यह समझ चुकी है कि झारखंड में आदिवासी चेहरे के साथ चुनाव लड़ना बेहतर है. ये दोनों चीजें भाजपा को बाबूलाल में मिल रही है. ऊपर से बाबूलाल भाजपा में रहे हैं और भाजपा व संघ को बेहतर समझते है.
दूसरी ओर भाजपा से अलग होने के बाद से ही बाबूलाल का राजनीतिक करियर ढलान पर है. वे खुद लोकसभा का चुनाव हार गए. इस बार विधानसभा में भी वे 81 सीटों पर लड़े और महज तीन सीटें ही हासिल कर सके. ऐसे में मरांडी के लिए भी भाजपा का दामन थामना फायदे का सौदा होगा.

इसी महीने हो सकता है विलय –
पूरी संभावना है कि बाबूलाल इसी महीने भाजपा में शामिल होंगे. संकेत है कि भाजपा बाबूलाल का बहुत इंतजार नहीं करेगी. झाविमों की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद बाबूलाल ने विलय का रास्ता आसान कर लिया है. जल्द ही वे विलय प्रस्ताव लेकर आएंगे, जिसपर मुहर लगना तय है. लेकिन अभी तक बाबूलाल ने इस विषय पर कुछ भी नहीं कहा है.

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