पटना: तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के फर्जी वीडियो बना कर शेयर करने के आरोप में जेल गए यूट्यूबर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी को शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है. तमिलनाडु के मदुरै की अदालत ने मनीष कश्यप की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया है. शुक्रवार को हुई कार्यवाही में अंतिम सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मनीष कश्यप पर लगे NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की धाराओं को भी हटा लिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी याचिका के जवाब में उन्हें हाई कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया था. बता दें कि तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी श्रमिकों पर हमले के फर्जी वीडियो साझा करने के आरोपी मनीष कश्यप फिलहाल पटना के बेउर जेल में बंद हैं.
अगस्त में पटना सिविल कोर्ट ने उन्हें बेउर जेल में रखने का आदेश दिया था
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) द्वारा दायर वित्तीय गड़बड़ी के एक मामले में इस साल अगस्त में पटना सिविल कोर्ट ने उन्हें बेउर जेल में रखने का आदेश दिया था. इससे पहले तमिलनाडु पुलिस की टीम कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट हासिल कर उसे पटना से ले आई थी. मदुरै कोर्ट ने यूट्यूबर मनीष कश्यप को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
जेल से बाहर आने के लिए अभी करना होगा इंतजार
हालांकि मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी को मदुरै अदालत ने फर्जी वीडियो मामले में जमानत दे दी है और उनके खिलाफ एनएसए (NSA) मामला खत्म कर दिया गया है. इसके बाद भी उन्हें जेल से बाहर आने के लिए इंतजार करना होगा. क्योंकि उनके ऊपर बिहार में कई अन्य मामले चल रहें हैं. ईओयू ने मनीष कश्यप के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए थे जिसमें बेतिया मामले में उन पर एक बैंक मैनेजर को उसके आधिकारिक कर्तव्यों के पालन में बाधा डालने का आरोप है.
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