New Delhi : भारतीय छात्रों के लिए विदेश में MBBS कोर्स करने के लिए NEET-UG (राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा) को पास करना अब अनिवार्य हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) द्वारा जारी किए गए उस नियम को बरकरार रखा, जिसके तहत विदेश में मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने के लिए NEET-UG पास करना जरूरी है.
यह निर्णय बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनाया. 2018 में लागू किया गया यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि विदेश से मेडिकल डिग्री प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों को भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए आवश्यक मानकों को पूरा करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह नियम पारदर्शी, निष्पक्ष है और किसी भी वैधानिक प्रावधान से टकराता नहीं है. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि NEET-UG परीक्षा को पास करना, 1997 के स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम के तहत निर्धारित योग्यता नियमों को पूरा करने के अतिरिक्त है.
कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि नियमों में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है और एक बार जब नियम लागू हो गए, तो किसी भी छात्र को छूट देने का सवाल नहीं उठता. यह निर्णय विदेश से चिकित्सा की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि अब उन्हें भारतीय चिकित्सा के मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस निर्णय से विदेशी संस्थानों में पढ़ाई करने का अधिकार प्रभावित नहीं होगा, लेकिन भारतीय छात्रों को अपनी चिकित्सा शिक्षा को मान्यता प्राप्त करने के लिए भारत के चिकित्सा मानकों का पालन करना जरूरी होगा.
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