नई दिल्ली : नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक चल रही है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक में शामिल होने आईं ममता बनर्जी बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गई है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला और बीच में ही रोक दिया गया. हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि माइक बंद करने का ममता बनर्जी का दावा गलत है. राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में चल रही बैठक से बाहर निकलने के बाद ममता बनर्जी ने कहा, मैंने बैठक का बहिष्कार किया है. चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट का समय मिला. असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक अपनी बात रखी. लेकिन मुझे पांच मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया जो गलत है. विपक्ष की ओर से मैं ही यहां प्रतिनिधित्व कर रही हूं. मैं इस बैठक में इसलिए भाग ले रही हूं क्योंकि मैं सहकारी संघवाद को मजबूत करने में ज्यादा दिलचस्पी रखती हूं.
सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान
नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय शक्तियां दें या योजना आयोग को वापस लाएं. मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और मैं बाहर आ गई. उन्होंने कहा कि योजना आयोग को वापस लाओ, बंगाल को फंड दो और आपको भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैंने कहा कि जब आप केंद्र सरकार चलाते हैं, तो आपको सभी राज्यों के बारे में सोचना चाहिए. मैं केंद्रीय फंड के बारे में बता रही थी कि यह पश्चिम बंगाल को नहीं दिया जा रहा है, तो उन्होंने मेरा माइक म्यूट कर दिया. आप अपनी पार्टी और सरकार को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं. यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है. यह मेरा भी अपमान है.’