माले : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का एक बार फिर भारत विरोधी रुख देखने को मिला है. एक बार फिर वह भारतीय सैनिकों के नाम पर संसदीय चुनाव जीतना चाहते हैं. आगामी संसदीय चुनाव में फायदे के लिए एक बार फिर उन्होंने भारतीय सैनिकों का ही मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार को संसदीय चुनाव में बहुमत नहीं मिला तो भारतीय सैनिकों को मालदीव से नहीं निकाला जा सकेगा.
भारतीय सैनिकों को मालदीव से हटाना मुइज्जू के मुख्य अभियान की प्रतिज्ञा है. अड्डू हुलहुमिधू में सोमवार को एक बैठक में उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन सरकार को उन्हें हटाने के लिए मजलिस के बहुमत की जरूरत है.’ पीपुल्स मजलिस मालदीव की संसद को कहा जाता है.
राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि 10 मई से पहले देश से सभी विदेशी सैनिकों को वापस भेजने के लिए दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित विनिमय पत्र के तहत इसे पूरा करना होगा. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने उन्हें आश्वासन दिया है कि समझौते का पालन होगा. लेकिन इसी के साथ उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों की वापसी संसदीय चुनावों के नतीजों पर निर्भर हो सकती है. उन्होंने भारतीय सैनिकों का दांव खेलकर जनता से मतदान करने से पहले सोचने का आग्रह किया.
एक बार फिर भारतीय सैनिकों का मुद्दा उठाना दिखाता है कि राष्ट्रपति मुइज्जू को मजलिस में बहुमत न आने का डर है. अगर मजलिस में बहुमत विपक्ष के पास चला गया तो राष्ट्रपति मुइज्जू को पद से हटाया जा सकता है. राष्ट्रपति मुइज्जू सिर्फ चुनावी फायदे के लिए भारतीय सैनिकों का नाम ले रहे हैं, क्योंकि उन्हें लाने या वापस भेजने में संसद की कोई भूमिका नहीं है.