Dhanbad : झारखंड के इस जिले में ट्रेन के बोगियों की धुलाई अब ऑटोमेटिक तरीके से की जा रही है. 2.25 करोड़ की लागत से कोचिंग डिपो में ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट का निर्माण किया गया है. जिससे समय और पानी की बचत तो हो ही रही है साथ ही बोगियों के वाशिंग में खर्च भी कम हो रहा है.
कोचिंग डिपो के अधिकारी अभय मेहता ने बताया कि 12 फरवरी से वाशिंग प्लांट से कार्य लिया जा रहा है. इसके इस्तेमाल से समय और पानी दोनों की बचत हो रही है. हमारे यहां 22 कोच का एक रैक होता है. मैनुअल तरीके से कोच की धुलाई में पानी भी अधिक लगता था और समय भी काफी लगता था. इन दोनों की बचत इस वाशिंग प्लांट के कारण हो रही है.
पहले एक रैक की सफाई में करीब साढ़े तीन घंटे लग जाते थे जबकि ऑटोमेटिक कोच प्लांट में एक रैक की धुलाई में ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट लगते हैं. एक कोच की धुलाई में करीब 150 लीटर पानी की खपत होती थी. जबकि ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट से 300 लीटर पानी में पूरे रैक की 22 कोच की धुलाई हो जाती है. यही नहीं इसमें 80 फीसदी पानी को फिर से रिसाइकल कर इस्तेमाल किया जाता है. महज 20 फीसदी पानी ही बर्बाद होता है.
कोचिंग डिपो में पानी की ज्यादातर खपत वाशिंग में ही होती है. पानी को बचाने के उद्देश्य से ही यह प्लांट लगाया गया है. इससे काफी मात्रा में पानी की बचत हम कर सकते हैं. अगर अनुमान लगाये तो ऑटोमेटिक मशीन से हर साल करीब 1.28 करोड़ लीटर पानी की बचत होगी.
मैनुअल वाशिंग में एक रैक को चार से पांच लोग मिलकर साफ करते हैं. लेकिन ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट में दो या फिर एक स्टाफ से भी काम हो जाता है. यह प्लांट पूरी तरह से ऑटोमेटिक है. इस प्लांट के अंदर आते ही मशीनें काम करनी शुरू कर देती हैं. इस मशीन में सेंसर लगा हुआ है जो इंजन के पार हो जाने के बाद सिर्फ बोगियों की ही वाशिंग करती है और अंत में जब इंजन आता है तो उसके पहले ही मशीन स्वतः बंद हो जाती है. यह मशीन पूरी तरह से सेंसर पर आधारित है. इंजन और बोगियों के पहिये से यह मशीन उसके अंतर को भांपती है. धनबाद में रेल मंडल का पहला ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट है इसे इंस्टॉल करने में करीब एक महीने का समय लगा है.
ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट में ट्रैक के दोनों तरफ पोल की तरह कई स्प्रिंकलर लगे हुए हैं. उनसे हाई प्रेशर व लो प्रेशर में पानी के साथ आरओ वॉटर, वैगन क्लीनर केमिकल आदि फव्वारे के रूप में निकलकर कोच पर पड़ता है. ट्रैक के दोनों तरफ 4-4 यानी कुल 8 बड़े ब्रश हैं, जो कोच की रगड़कर साफ सफाई करते हैं. धुलाई के बाद कोच को तेजी से सूखाने की भी व्यवस्था है.
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