मकर संक्रांति को लेकर राजधानी रांची के हर चौक-चौराहे पर तिलकुट की दुकानें सज गयी हैं. रांची के कोकर, लालपुर, बरियातू, हरमू, किशोरगंज, डोरंडा, हिनू, रातू रोड, बूटी मोड़, कांके चौक के मुख्य बाजार में लोगों को तिलकुट की सोंधी खुशबू आकर्षित कर रही है.
गया के तिलकुट की है अलग पहचान
बाजार में स्थानीय तिलकुट के साथ गया के तिलकुट भी मिल रहे हैं. इस बार चीनी की जगह गुड़ का तिलकुट अधिक दिख रहा है. खोवा के तिलकुट की वैरायटी की भी डिमांड काफी है. साथ ही गजक, स्पेशल गजक, रेवड़ी, तिल पापड़ी भी ग्राहकों को लुभा रहे हैं.
तिलकुट की कीमत में बढ़ोतरी
तिलकुट की कीमत में इस साल 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. पिछले साल 260 रुपये तिलकुट बेचे थे, लेकिन इस बार तिल का रेट बढ़ने से 300 किलो बेच रहे हैं. इस बार नया तीसी का लड्डू है, जो 60 रुपये पैकेट (200 ग्राम), गजक 300 रुपये, रेवड़ी 200 रुपये, तिलपट्टी 250 रुपये है.
घी वाले घेवर की अधिक डिमांड
पंजाब स्वीट हाउस से लोग घी वाले घेवर अधिक खरीद रहे हैं. एक घेवर की कीमत 100 रुपये है. इसमें मलाई डाला गया है. इसके अलावा प्रीमियम गुड रेवड़ी 400 रुपये किलो, स्पेशल खोवा तिलकुट 440 रुपये किलो, तिल रोल 380 रुपये किलो, गुड़ तिलकुट 360 रुपये किलो, स्पेशल तिलपट्टी 380 रुपये किलो, स्पेशल तिलकुट 360 किलो है. हरमू बाजार में तिलकुट 240-260 रुपये किलो बिक रहा है. किशोरगंज चौक में 260-300 रुपये किलो बिक रहा है.
मकर संक्रांति के दिन लोग सूर्य की आराधना करते हैं
इस संबंध में पंडित मनोज पाठक ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. आस्था के अनुसार लोग तिल और गुड़ से पूजा कर भगवान सूर्य की आराधना करते हैं. पाठक ने बताया कि मकर संक्रांति हिंदू समाज के लिए बड़े पर्व में शुमार है. इस दिन भगवान सूर्य की आराधना करने से पूर्व भक्त गंगा नदी के साथ अन्य नदियों में स्नान कर तिल और गुड़ प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं.