नई दिल्ली : साल 2023 खत्म होने में महज कुछ ही दिन बाकि रह गये है. यह साल देश का लिए कई मायनों में खास रहा. जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन से पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ा. बालासोर ट्रेन हादसे में 292 लोगों की जान गई, उत्तरकाशी टनल हादसे में 41 लोगों को रेस्क्यू किया गया. आगे पढ़ें इस साल हुई बड़ी घटनाएं…
28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया. 1200 करोड़ रुपए की लागत से बने नए संसद भवन में एक साथ 1280 सांसद बैठ सकते हैं.
सितंबर में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों तक, कई विश्वनेता भारत आए. भारत के नेतृत्व में सभी देश घोषणापत्र पर सहमत हुए.
इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था. 23 अगस्त को चंद्रयान ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रचा. भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बना. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर पहुंचे थे. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत एकमात्र देश बना.
इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 को 2 सितंबर को लॉन्च किया. यह सूर्य का अध्ययन कर रहा है. इससे सूर्य और उसके वातावरण के बारे में बेहद अहम जानकारियां मिल रहीं हैं.
साल 2023 की शुरुआत से ही पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पहलवानों ने बृज भूषण पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. यह मामला पूरे साल सुर्खियों में रहा.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 15 अप्रैल की रात गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई. तीन हमलावरों ने पुलिस के सामने दोनों को गोली मारी. इसके बाद सरेंडर कर दिया.
मणिपुर में तीन मई को हाईकोर्ट ने आरक्षण को लेकर फैसला सुनाया. इसके बाद राज्य में जातीय हिंसा शुरू हो गई. इसके चलते 180 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घरों को जला दिया गया. दो महिलाओं को भीड़ ने नग्न कर घुमाया. इस घटना का वीडियो वायरल होने पर पूरे देश में आक्रोश फैल गया था.
ओडिशा के बालासोर में दो जून को भीषण ट्रेन हादसा हुआ था. इसके चलते 292 लोगों की मौत हुई और एक हजार से अधिक घायल हो गए. यहां तीन ट्रेनें एक-दूसरे से टकरा गईं थीं.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग 12 नवंबर को धंस गया था. सुरंग के अंदर 41 मजदूर फंस गए थे. 17 दिन तक चले बचाव अभियान के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई. चार लोगों ने संसद में घुसपैठ किया. दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और नारेबाजी करते हुए अपने साथ लाए गैस कनस्तर से पीला धुंआ छोड़ा. वहीं, दो लोगों ने संसद परिसर में नारेबाजी और हंगामा किया. इन्होंने भी पीला धुंआ छोड़ा.
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