बोकारो : बोकारो में महाशिवरात्रि के पर्व का उल्लास छाया हुआ है. सुबह होते ही शिवालयों में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. कुछ मंदिरों में मध्य रात्रि से ही श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक शुरू कर दिया. भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए शहर के सभी शिवालयों को भव्य सजावट की है.
मंदिर के पंडित जी ने कहा कि हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार शिवरात्रि पूजा है. पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी. महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए महाशिवरात्रि को बहुत खास माना गया है.
वहीं भक्त ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की मूर्ति या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराकर लोटे से जल चढ़ाया जाता है. फिर चंदन का तिलक लगाकर, बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र चढ़ाना चाहिए. किसी भी विशेष पूजा पर भगवान के आगे कुछ दक्षिणा जरूर चढ़ाना चाहिए. शिवरात्रि के दिन सुबह से लेकर पूरी रात तक दीपक जलाने से शिव और पार्वती की कृपा प्रप्त होती है. माना जाता है कि इस दिन पुजा-पाठ करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है साथ ही, अविवाहितों को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है.
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