Johar Live Desk : हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के रूप में महत्वपूर्ण है. जिसे पौराणिक कथाओं के अनुसार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. भक्त इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करके उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा में कई महत्वपूर्ण सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है, जैसे :
महाशिवरात्रि पूजा के लिए प्रमुख सामग्री में शामिल हैं :
- गंगाजल : भगवान शिव को गंगाजल अत्यंत प्रिय है और यह अभिषेक के लिए शुद्ध जल के साथ उपयोग किया जाता है.
- बेलपत्र : बेलपत्र शिव पूजा का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे चढ़ाने से पाप समाप्त होने का विश्वास है.
- दूध : दूध, जो शुद्धता और पोषण का प्रतीक है, शिवलिंग पर चढ़ाने से मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
- दही : दही शिवलिंग पर चढ़ाने से जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है.
- शहद : शहद को वाणी की मधुरता और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है, जो पूजा में अर्पित करने से सकारात्मक प्रभाव डालता है.
- भांग, धतूरा और आक के फूल : भगवान शिव को यह चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है.
- सफेद चंदन और हल्दी : इनका प्रयोग शिवलिंग पर पूजा में किया जाता है.
- अक्षत (चावल) : साबुत चावल शिव पूजा में अर्पित किए जाते हैं, जबकि टूटी हुई चावल का उपयोग नहीं किया जाता.
- फल और मिठाई : इनका अर्पण भक्तों को शारीरिक और मानसिक सुख प्रदान करता है.
- धूप और दीपक : वातावरण की शुद्धता को बढ़ाने के लिए इनका जलाना जरूरी होता है.
- नैवेद्य : ताजे फल, लड्डू और पकवान भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं, जो पूजा में विशेष महत्व रखते हैं.
महाशिवरात्रि के दिन भक्तों का विश्वास है कि इन सामग्रियों के द्वारा पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति का वास होता है. इस दिन शिव भक्त शिवलिंग की पूजा करके भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जो उनके जीवन को खुशहाल बनाता है. सम्पूर्ण देश में महाशिवरात्रि की धूम मची हुई है, और लोग इस दिन का महत्व समझकर श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना में लीन हैं.
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