JoharLive Desk
नई दिल्ली : अजित पवार गुट का समर्थन करने वाले दो बागी विधायक दिल्ली से मुंबई लौट गए हैं। एनसीपी के दो विधायक दौलत दरौडा और अनिल पाटिल सोमवार सुबह मुंबई पहुंचे। ये दोनों भाजपा के साथ होने का दावा कर दिल्ली पहुंचे थे। इन दोनों विधायकों का एनसीपी के पास वापस लौटना अजित पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
वहीं सोमवार तड़के लगभग 5 बजे एनसीपी नेता छगन भुजबल अपने विधायकों से मिलने होटल हयात पहुंचे। विधायकों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मैं यहां अपने विधायकों से मिलने आया हूं। हमारे एक या दो विधायक ही यहां नहीं हैं। बाकी हमारी पूरी संख्या है।
महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण से पहले एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना ने अपने-अपने विधायकों को होटल में रखा हुआ है। बड़ी बात यह है कि सभी पार्टियां एक दू विधायकों पर सभी दल कड़ी नजर रख रहे हैं। महराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने शरद पवार की पार्टी से विधायक टूटने की संभावना जताई जा रही है। इसी वजह से पार्टी ने अपने सभी विधायकों को एक ही होटल में ठहराया है।
सूत्रों के अनुसार, एनसीपी के 13 विधायक अजित पवार के साथ मजबूती से खड़े हैं। इनमें से भले ही कुछ विधायकों ने शरद पवार और सुप्रिया सुले से बातचीत की है लेकिन उन्होंने अपने बयान में इस बात को जरूर कहा है कि जो भी शरद पवार और अजित पवार का फैसला होगा वह उन्हें मंजूर होगा।
इन 13 विधायकों द्वारा बार-बार अजित पवार का नाम लेना कहीं न कहीं पार्टी में सबकुछ ठीन न होने की तरफ इशारा कर रहे हैं। महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल, नवाब मलिक और दूसरे वरिष्ठ नेता बार-बार अजित पवार को मनाने की बात कर रहे हैं। अजित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात पर नेता बयान देने से बच रहे हैं।
दल-बदल कानून के अनुसार अगर एनसीपी के कुल संख्याबल का दो तिहाई (36 विधायक) से कम विधायकों ने भाजपा का समर्थन किया तब इनपर अयोग्यता की तलवार लटक सकती है। हालांकि इतने विधायकों के समर्थन के बाद भी भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए अन्य विधायकों की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता आशीष शेलार बार-बार 170 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे हैं।