खूंटी : सरना धर्म कोड की मांग को लेकर रविवार को खूंटी में महारैली निकाली जाएगी. महारैली के आयोजन के लिए कोर कमेटी का गठन किया गया है. महारैली में खूंटी के अलावा रांची, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिम सिंहभूम के सरना धर्मावलंबी शामिल होंगे. समिति के सोमा मुंडा ने कहा कि सरना धर्मावलंबियों की संख्या 50 लाख से अधिक होने के बावजूद धर्म कोड नहीं दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, सरना धर्म कोड के लिए जोरदार आंदोलन करने की जरूरत है. सरना धर्म कोड भारत के लाखों प्रकृति पूजकों के अस्तित्व एवं अस्मिता का सवाल है. उन्हें उनकी धार्मिक आजादी से वंचित करना क्रूर मजाक है. सोमा मुंडा ने कहा कि आदिवासियों को उनकी धार्मिक आजादी से वंचित करने के लिए कांग्रेस-बीजेपी दोषी है. 1951 की जनगणना तक यह प्रावधान था. बाद में कांग्रेस ने हटा दिया और अब भाजपा जबरन आदिवासियों को हिंदू बनाना चाहती है.

बता दें कि सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 30 दिसंबर को आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से भारत बंद आहूत किया गया था. जमशेदपुर के कदमा में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर भारत बंद की घोषणा की गई है. आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा है कि अगर 31 मार्च तक सरना धर्म कोड का ऐलान नहीं हुआ तो 7 अप्रैल को एक बार फिर से भारत बंद किया जाएगा. इस दौरान रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा. इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र भी लिखा गया है.

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