Joharlive Desk

भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल लाल जी टंडन ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई। शिवराज सिंह इससे पहले साल 2005 से 2018 तक मुख्यमंत्री रहे। वे लगातार तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ लेने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें बधाई दी है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में श्री शिवराज सिंह चौहान के शपथ लेने पर मै उन्हें बधाई देता हूं। साथ ही उम्मीद करता है कि कांग्रेस सरकार द्वारा विगत 15 माह में शुरू किये गये जनहितैषी कार्यों , निर्णयों व योजनाओं को प्रदेश हित में वे आगे बढ़ाएंगे। आज से हम सकारात्मक विपक्ष की भूमिका का निर्वहन कर नई सरकार के जनहितैषी कार्यों व निर्णयों में पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे व सरकार के हर कार्य व निर्णय पर निगाह भी रखेंगे। प्रदेश हित, जनहित, किसान हित के लिए शुरू की गई हमारी किसी भी योजना व निर्णय को राजनैतिक दुर्भावना से यदि रोका गया तो हम उसे सहन नहीं करेंगे व जनता के साथ मिलकर उचित फ़ोरम पर उसका विरोध भी करेंगे।’

मध्यप्रदेश में पिछले करीब एक महीने से चली आ रही सियासी उठापटक सोमवार को थम गई। भाजपा हाईकमान ने मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर उनका नाम तय किया था। उन्होंने राजभवन में सीएम पद की शपथ ली।

गौरतलब है कि 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। पार्टी का एक खेमा भी मौजूदा विधानसभा में संख्या गणित को देखते हुए अभी फिलहाल शिवराज सिंह चौहान को ही कमान देने का दबाव बना रहा था। अन्य दावेदारों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी सामने आया।

शिवराज सिंह 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके फिर सीएम बनने पर मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं।

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