Joharlive Team
देवघर। झारखंड के देवघर जिले के मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की रणभेरी बज चुकी है। झामुमो की प्रतिष्ठा वाली इस सीट पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग रणनीति बनाने में जुट गये हैं। कांग्रेस का कभी मजबूत गढ़ रहे इस क्षेत्र में पिछले दो दशक से झामुमो और भाजपा के बीच दिलचस्प चुनावी ‘जंग’ होती रही है। वहीं कांग्रेस हाशिए पर खड़े रहने को विवश रही है।
2019 में सम्पन्न विधानसभा चुनाव के महज दस महीने के अंतराल में झामुमो के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का पिछले साल कोराना से संक्रमित होने के बाद निधन हो गया था। जिसके बाद मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है। उपचुनाव में 17 अप्रैल को मतदान होना है।
मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के पहले के चुनाव परिणामों का आंकलन किया जाए तो 1995 के बाद इस क्षेत्र में कांग्रेस को कभी जीत नहीं मिली है। इसके बाद के वर्षों में इस क्षेत्र में ज्यादातर झामुमो और भाजपा के बीच ही टक्कर होती रही है। जिसके चलते नहीं चाहते हुए भी कांग्रेस के कार्यकर्ता महागठबंधन धर्म का पालन करने के साथ झामुमो का झंडा बुलंद करने को विवश होते रहे हैं।
1995 में झामुमो के टिकट पर हाजी हुसैन अंसारी ने 40 हजार से अधिक वोट हासिल कर हैट ट्रिक लगाने वाले कृष्णा नन्द झा को तीसरे स्थान पर खड़ा कर दिया, जबकि भाजपा की विशाखा सिंह 23 हजार से अधिक वोट लेकर दूसरे नंबर पर अपनी जगह बनाने में कामयाब हुईं। 2000 में झारखंड गठन के पूर्व सम्पन्न चुनाव में झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी 35,811 वोट लेकर दूसरे बार इस सीट से चुने गये जबकि 30,579 वोट हासिल कर भाजपा की विशाखा सिंह दूसरे नंबर पर अपना स्थान बनाये रखने में सफल हुईं।
इसके बाद भाजपा इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने के प्रयास में जुटी रही। अंततः भाजपा ने 2005 में मधुपुर सीट पर जीत दर्ज करने में सफल हुई। 2005 के चुनाव में भाजपा के राज पलिवार ने 48,756 वोट हासिल कर झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी की हैट ट्रिक लगाने के मंसूबे पर पानी फेर दिया। झामुमो को 42,089 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। लेकिन 2009 में झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी ने 47,880 वोट बटोरने के साथ अपने वोटों में इजाफा कर भाजपा के राज पलिवार को तीसरे स्थान पर ला खड़ा किया। जबकि बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो के प्रत्याशी शिव दत्त शर्मा 27,412 जुटा कर दूसरे स्थान पर रहे। इस बार हाजी हुसैन अंसारी को राज्य सरकार में पहली बार मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
2014 में भाजपा के राज पलिवार एक बार फिर इस सीट पर पार्टी का विजय पताका फहराने में सफल हुए। इस चुनाव में भाजपा को 74,325 और झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी को 67,441 मत मिले। इस क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बनने के बाद राज पलिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास सरकार में श्रम मंत्री की जिम्मेदारी संभालने का मौका मिला। 2019 में झामुमो ने एक फिर पासा पलट दिया और हाजी हुसैन अंसारी 88,115 वोट बटोरने में सफल हुए। इस चुनाव में भाजपा के राज पलिवार 65,046 वोट से ही संतोष करना पड़ा और अपनी विधायकी गंवानी पड़ी। इस चुनाव में झामुमो को 38 और भाजपा को 28 प्रतिशत वोट मिले।
पिछले विधानसभा चुनाव में मधुपुर सीट से मैदान में कुल 13 प्रत्याशी उतरे। जिनमें से आजसू पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे गंगा नारायण राय ने 45 हजार 620 वोट बटोर कर बीजेपी की जीत की रोड़े अटका दिए। 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था। जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा।
अब इस क्षेत्र में उपचुनाव में अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए झामुमो ने पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हफीजुल अंसारी को विधायक बनने के पूर्व ही मंत्री बना दिया है। झामुमो से राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल अंसारी का मैदान में उतरना तय माना जा रहा है। इस बीच आजसू फिर से एनडीए गठबंधन का साथी बन गया है। ऐसे में इस सीट पर राजग गठबंधन किसे अपना योद्धा बनाती है, इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि भाजपा अपनी दावेदारी बरकरार रख रही है। वहीं आजसू भी इस सीट पर अपना हक मांग रही है। भाजपा खेमे से पूर्व मंत्री राज पलिवार और आजसू कोटे से गंगा नारायण राय के नाम की चर्चा जोरों पर है।