जामताड़ा : मां चंचला तीन दिवसीय एकादश वार्षिक महोत्सव मंगलवार को भव्य कलश शोभा यात्रा के साथ आरंभ हो गया. मां चंचला वार्षिक महोत्सव समिति के तत्वाधान में आयोजित इस कलश शोभायात्रा में हजारों की संख्या में महिलाएं, युवतियां एवं नन्हें मुन्ने बच्चियों ने हिस्सा लिया. मां चंचला मंदिर से आरंभ होकर यह भव्य कलश यात्रा स्टेशन रोड, टावर चौक, सुभाष चौक होते हुए कोर्ट मोड़ हनुमान मंदिर तक पहुंचा और फिर वापसी में गांधी मैदान, बाजार रोड होते हुए चंचला मंदिर जाकर संपन्न हो गया. कलश यात्रा के मद्देनजर जहां निर्धारित मार्ग से जुड़ने वाले सभी रास्तों को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था. वहीं हर चौक चौराहों पर कार्यकर्ता और पुलिसकर्मी मोर्चा संभाले हुए थे.
सूर्योदय से पूर्व ही कलश यात्रा में शामिल होने वाले महिलाओं और युवतियों का मंदिर परिसर में पहुंचना आरंभ हो गया था. घने कोहरे और ठंड की वजह से कलश यात्रा आरंभ होने में काफी विलंब हुआ. कलश यात्रा में सबसे आगे ध्वज लेकर कार्यकर्ता और फिर स्कूली बच्चों का बैंड अपने आकर्षक धुन के साथ कतारबद्ध होकर यात्रा में सबसे आगे चल रहे थे. वही बैंड के पीछे तीन अलग-अलग समूह में पारंपरिक वेशभूषा के साथ मांदर की थाप पर नृत्य करती आदिवासी महिलाएं शामिल हुई. उसके बाद बहुत ही आकर्षक रथ पर मां चंचला की प्रतिमूर्ति स्थापित कर शोभायात्रा में शामिल किया गया. रथ के पीछे आयोजन समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र मंडल हाथ में कलश लेकर दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ आगे चल रहे थे और उसके पीछे महिलाओं का विशाल समूह कतारबद्ध होकर शोभायात्रा में शामिल हुए. कई किलोमीटर लंबे इस शोभायात्रा को नियत स्थान तक पहुंच कर फिर वापस आने में घंटों का समय लगा.
मां चंचला महोत्सव को लेकर पूरे शहर को जहां आकर्षक ढंग से सजाया गया है वहीं साफ सफाई का भी पूरा ख्याल रखा गया है. कलश यात्रा के मार्ग में फुटपाथ पर लगने वाले सभी दुकानों को आज भर के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं सड़क पर जल छिड़काव के साथ सड़क के दोनों और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी कराया गया है. तीन दिवसीय इस अनुष्ठान में पूजा पाठ के अलावा बांग्ला और हिंदी के भजन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
इसे भी पढ़ें: मुखिया बने ‘गुरु जी’, पास की BPSC TRE 2.0 की परीक्षा