भक्तिवेदांत विद्या भवन,  गुरुकुल,  मुरी में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राधारमण महामहोत्सव को संबोधित किया

रांची: भगवान श्रीकृष्ण दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक और दार्शनिक कहे जाते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध में सही और गलत का ज्ञान दिया था,  जो भगवद गीता में उद्धृत है। भगवद गीता में जीवन दर्शन है,  जहां से हम सही जीवन जीने का तरीका सीखते हैं। ये बातें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहीं। वह भक्तिवेदांत विद्या भवन,  गुरुकुल,  मुरी की ओर से आयोजित “राधारमण महामहोत्सव’ (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व विग्रह प्राणप्रतिष्ठा) को संबोधित कर रहे थे।

भारत फिर से विश्वगुरु बनने की राह पर

उन्होंने कहा कि भक्तिवेदांत विद्या भवन,  गुरुकुल में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सही जीवन जीने का तरीका भी सीखाया जाता है। उन्हें आध्यात्मिक,  कृषि,  गौपालन, पाक कला,  आतिथ्य इत्यादि का भी ज्ञान दिया जा रहा है। इससे उनमें अखंडता,  करुणा,  दया,  सहनशीलता,  स्वच्छता की भावना विकसित होगी। इस प्रकार हमारे बच्चे आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ चहुमुखी प्रतिभा के धनी होंगे और भारत फिर से एक बार विश्वगुरु बनने की राह पर अग्रसर होगा।

​​​​​​​ज्ञान का उपयोग समाज की भलाई के लिए करें

राज्यपाल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का अर्थ सिर्फ किताबी ज्ञान का होना नहीं है, बल्कि उस ज्ञान का उपयोग समाज की भलाई के लिए करना है। भविष्य में कई चुनौतियाँ सामने आएंगी और असफलता भी मिलेगी, लेकिन इससे घबराकर निराश नहीं होना है और सफलता के लिए चुनौतियों का सामना करना है। सच्चाई,  ईमानदारी,  नैतिकता और मानवता के सिद्धांतों पर चलकर और प्रतिबद्ध होकर अपने कार्यों को करेंगे तो सफलता के साथ-साथ खुशी भी मिलेगी। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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