बोकारो : कार्यस्थल पर गैस सुरक्षा की दृष्टिकोण से रियल टाइम टॉक्सिक गैस (कार्बन मोनोऑक्साइड) सिस्टम प्लांट के लिए काफ़ी अहम है. इसे देखते हुए प्लांट में एक अत्याधुनिक लोरावन-आधारित टॉक्सिक गैस निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है. जिसका उदघाटन अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीरेंद्र कुमार तिवारी ने किया. उद्घाटन के मौके पर अरविंद कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (एसएमएस-II&सीसीएस), मुख्य महाप्रबंधक (एचएसएम) शरद गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक(क्वालिटी) मनोहर लाल, मुख्य महाप्रबंधक (मैकेनिकल) वी के सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस) एम पी सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (ईएमडी) गुलशन कुमार, महाप्रबंधक (सीओ & सी सी) केएन झा और संयंत्र के वरीय अधिकारीगण एवं गैस मॉनिटरिंग सिस्टम के विशेषज्ञ मेसर्स सेंसॉप्स टेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के वरुण राज एचएस और दीपक कुमार भी उपस्थित थे.
मुख्य महाप्रबंधक (ईएमडी) गुलशन कुमार ने इस इनोवेटिव प्रोजेक्ट की पृष्ठभूमि और इसके दीर्घकालिक अपेक्षित लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने ऊर्जा प्रबंधन विभाग की डिजिटल रणनीति के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि टॉक्सिक गैस निगरानी की यह प्रणाली इंटरनेट ऑफ थिंग्स गेटवे के माध्यम से पूरे संयंत्र में उपयोग होने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड गैस मॉनिटर सिस्टम के डाटा को एकीकृत करती है. यह तकनीक क्लाउड-आधारित रियल टाइम कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की निगरानी प्रणाली की सुविधा प्रदान करता है, जिससे गैस सुरक्षा से जुड़े कर्मियों को महत्वपूर्ण स्थानों की सक्रिय निगरानी करने और तेजी से सुधारात्मक कार्रवाई करने में मदद मिलेगी.
कार्यस्थल में सुरक्षा पर बल देते हुए अधिशासी निदेशक बीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और यह परियोजना अधिक सुरक्षित कार्य वातावरण बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह संयंत्र में चल रहे डिजिटलीकरण प्रयासों का एक हिस्सा है और अन्य औद्योगिक सुविधाओं के लिए एक मॉडल है.
इस परियोजना के प्रभारी सौरभ सिंह सहायक महाप्रबंधक ने परियोजना से होने वाले प्रमुख लाभों के बारे में प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि इस प्रणाली से रियल टाइम निगरानी और अलर्ट शामिल हैं, जो संभावित गैस रिसाव का तत्काल पता लगाने, त्वरित प्रतिक्रिया और शमन की सुविधा प्रदान करता है. यह प्रणाली सक्रिय सुरक्षा का उपाय उपलब्ध कराती है, जिसकी मदद से संभावित खतरों को रोका जा सकता है. यह प्रणाली डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि प्रवृत्ति विश्लेषण और सुरक्षा प्रोटोकॉल को अनुकूलित करने के लिए उपयोगी डेटा प्रदान करती है, जिस पर आधारित उन्नत निर्णय से गैस सुरक्षा प्रबंधन में सुधार होता है. बीएसएल की पूरी गैस सुरक्षा टीम, जिसका नेतृत्व एएस नंदी, जीएम (ईएमडी), आशीष बघेल, उप प्रबंधक (ईएमडी),रवि राज, एस रैना, समीर, संजीव, डीके सिंह, रमेश और अन्य अधिकारियों ने परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.