रांची। कैश कांड में फंसने की वजह से झारखंड में कांग्रेस से निलंबित किए गए तीनों विधायकों इरफान अंसारी, नमन विक्सल कॉगाड़ी और राजेश कच्छप को नौ महीने बाद भी पार्टी से राहत नहीं मिली है। हालांकि, ये तीनों विधायक पिछले महीने राज्यसभा सांसद धीरज साहू के साथ दिल्ली में राष्ट्रीय महामंत्री सह सांगठनिक मामलों के प्रभारी केसी वेणुगोपाल से मिलकर खुद को निर्दोष बताया। साथ ही निलंबन मुक्त करने की गुहार भी लगाई. उस वक्त तीनों ने दावा किया था कि वेणुगोपाल ने इन्हें क्षेत्र में खुलकर काम करने का आदेश दिया था।
- हाईकोर्ट से पहले मिल चुकी है राहत
दरअसल, वेणुगोपाल ने कहा था कि पार्टी को आप जैसे समर्पित नेताओं की जरूरत है। यह भी संकेत दिया था कि जल्द ही निलंबन मुक्त करने का निर्णय लिया जाएगा, लेकिन कैश कांड में हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी तीनों विधायकों को पार्टी से राहत नहीं मिल पा रही है। वहीं दूसरी ओर पार्टी में भी इनकी कोई चर्चा नहीं हो रही है. इतना ही नहीं तीनों विधायकों के खिलाफ स्पीकर के न्यायाधिकरण में दर्ज मामले में भी पार्टी का रुख नरम नहीं दिख रहा है। अब जबकि लोकसभा चुनाव में सालभर और विधानसभा चुनाव में डेढ़ साल ही बचे हैं। ऐसे में तीनों अपने-अपने क्षेत्र में काम तो कर रहे हैं, लेकिन निलंबित होने के कारण इनकी सांसें अटकी हुई हैं।
- जुलाई 2022 में हुआ था कैश कांड
तीनों प्रदेश स्तर पर अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई इनकी नहीं सुन रहा है, ये इन्हें बेचैन किए हुए हैं।मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा में गत 30 जुलाई 2022 को कैश कांड के बाद झारखंड कांग्रेस के तीनों विधायकों को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने भी उन पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
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