Joharlive Team

रांची। सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में रांची सहित पूरे झारखंड में हाथियों से हो रहे नुकसान का मामला उठाया। लोकसभा में इसकी चर्चा करते हुए सांसद संजय सेठ ने कहा कि झारखंड में अब हाथी हमारे साथी नहीं रहे। हाथियों और मानव के बीच का संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है, इसके परिणाम स्वरूप जान माल का बहुत नुकसान हो रहा है। श्री सेठ ने कहा कि हाथियों के उत्पात के कारण ग्रामीण क्षेत्र में लोग काफी दहशत में रहते हैं। विद्यालयों के मिड डे मील हाथी खा जाते हैं। किसानों की फसलों का नुकसान होता है। विद्यालय के भवन व ग्रामीणों के घरों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। इतना ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हाथियों के उत्पात में अपनी जान तक गंवा रहे हैं। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह केंद्र सरकार से किया। श्री सेठ ने कहा कि मामला दिन प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है। ऐसे में इस मसले पर केंद्र सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा की ऐसी कोई व्यवस्था इजाद की जानी चाहिए, जिस से ग्रामीणों को सतर्क किया जा सके हाथियों के आने की पूर्व सूचना ग्रामीणों को मिल सके और जान माल का नुकसान होने से बचा जा सके।
श्री सेठ ने यह मांग की है कि हाथियों के आश्रय को लेकर भी हम सबको मिलकर विचार करना चाहिए ताकि हाथी और मानव दोनों के बीच हो रहा संघर्ष चल सके और दोनों सुख पूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर सकें।

  • रांची एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की मांग, गांव-कस्बों के लिए भी मोदी सरकार में सुलभ हुई हवाई यात्रा

लोकसभा में ही सांसद संजय सेठ ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए गए उपायों को लेकर पूरे देश की एयरपोर्ट अथॉरिटी को धन्यवाद दिया है। साथ ही यह मांग भी की है कि रांची एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जाए और यहां सुविधाएं बढ़ाई जाए। श्री सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उड़ान योजना के तहत हवाई चप्पल पहने वालों को भी हवाई जहाज की यात्रा करने को लेकर प्रेरित किया इसका परिणाम हम सबके सामने हैं। अब गांव-कस्बों के लोग भी हवाई जहाज का सफर कर रहे हैं। भोजपुरी बोलने वाले हो या नागपुरी बोलने वाले सबके लिए हवाई यात्रा सुलभ हो चुकी है। पहले हवाई जहाज में सिर्फ अंग्रेजी बोलने वाले सफर करते थे परंतु अब कोई भी आदमी सफर कर रहा है, जो सुखद बात है। उन्होंने कहा कि रांची एयरपोर्ट से प्रतिवर्ष 2 लाख यात्रियों की आवाजाही होती थी जो बढ़कर 20 लाख हो गई है। ऐसे में यह जरूरी है कि एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जाए।

Share.
Exit mobile version