रांची : महागठबंधन के सबसे बड़े दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लोकसभा की नौ सीट पर दावेदारी पेश कर यह साफ कर दिया है कि आनेवाले दिनों में जब I.N.D.I.A दलों सीट बंटवारे का मुद्दा आसान नहीं होगा. नौ सीटों पर दावेदारी को लेकर झामुमो का अपना तर्क भी है. हालांकि, सीट शेयरिंग का अंतिम फैसला तो पार्टी के शीर्ष नेता शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को करना है. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने जितनी सीटें जीती थीं और जितनी सीटों पर हम दूसरे नंबर पर रहे. उसके आधार पर हमारा दावा 08-09 लोकसभा सीटों का बनता है. गौरतलब हो हि राज्य में 2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़कर झामुमो ने 30 सीट पर जीत हासिल किया था और कई सीटों पर झामुमो दूसरे स्थान पर रहा था.

लोकसभा की 09 सीटों पर दावा को लेकर कांग्रेस का भी है अपना तर्क

कांग्रेस के नेताओं का तर्क है कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद के बीच क्रमशः 09: 04: 01 में समझौता हुआ था. तब वोटों का बंटवारा रोकने के लिए बाबूलाल मरांडी की पार्टी को कांग्रेस ने अपने कोटे की दो सीट कोडरमा और गोड्डा दी थी. ऐसे में जब अब बाबूलाल मरांडी भाजपा में हैं, तब कांग्रेस का 09 लोकसभा सीटों पर दावा बनता है.

राजद भी पलामू, चतरा के साथ कोडरमा और गोड्डा पर ठोक रहा है ताल

इधर, झामुमो कांग्रेस के बाद महागठबंधन का तीसरा साथी राजद ने भी चार सीटों पर अपना ताल ठोक दिया है. चार सीटों को लेकर राजद का भी अपना तर्क है. राजद नेताओं का कहना है कि पलामू,चतरा में जहां हमारे पार्टी के सांसद रहे हैं, वहीं कोडरमा और गोड्डा लोकसभा सीट वाले क्षेत्र में राजद के मजबूत संगठन और वोट हैं. नेताओं ने तो लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव आलाकमान को भेज दिया है. लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर तीनों दलों में सुलह हो पाना आसान नहीं दिखता.

इसे भी पढ़ें: बैंक अकांउट से आधार लिंक करने के नाम पर करते थे ठगी, 5 साइबर ठग चढ़े पुलिस के हत्थे

Share.
Exit mobile version