कोहिमा : नागालैंड के 6 जिलों में  ‘जीरो परसेंट’ वोटिंग हुई. हालांकि बाकि जिलों में सामान्य मतदान हुआ. राज्य में कुल 16 प्रशासनिक जिले हैं, 6 जिलों को छोड़कर दोपहर 1 बजे तक 38.83 फीसदी वोटिंग हुई थी.

ईएनपीओ ने किया ‘सार्वजनिक आपातकाल’ की घोषणा

बता दें कि 2010 से छह पिछड़े जिलों को मिलाकर एक अलग प्रशासन या राज्य की मांग कर रहे ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन यानी ईएनपीओ ने ‘सार्वजनिक आपातकाल’ की घोषणा की और स्थानीय लोगों से इस चुनाव का बहिष्कार करने का आह्वान किया. इसके बाद वहां क़रीब शून्य मतदान दर्ज किया गया है. उत्तर-पूर्वी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए ईएनपीओ को नोटिस जारी किया है.

इलेक्शन कमिशन ने जारी किया नोटिस

एक बयान में, शीर्ष चुनाव अधिकारी ने कहा कि समूह ने “आम चुनावों में मतदान करने के लिए पूर्वी नागालैंड क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की स्वतंत्र गतिविधि में हस्तक्षेप करके अनुचित प्रभाव डालने का प्रयास किया था.” अधिकारी ने कहा, इसलिए, ईएनपीओ को “कारण बताने का निर्देश दिया जाता है…कि भारतीय दंड संहिता की धारा 171सी की उप-धारा (1) के तहत कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए.”

ईएनपीओ ने जवाब दिया है कि सार्वजनिक अधिसूचना का “मुख्य उद्देश्य” पूर्वी नागालैंड क्षेत्र में गड़बड़ी की संभावना को कम करना था, जो हमारे अधिकार क्षेत्र में है, और असामाजिक तत्वों के जमावड़े से जुड़े जोखिम को कम करना था. संगठन ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि “पूर्वी नागालैंड क्षेत्र वर्तमान में सार्वजनिक आपातकाल के अधीन है”, और यह हितधारकों के साथ परामर्श के बाद घोषित किया गया था.

ईएनपीओ ने कहा कि यह लोगों द्वारा एक “स्वैच्छिक पहल” थी, यह तर्क देते हुए कि धारा 171सी के तहत कार्रवाई “लागू नहीं है… क्योंकि किसी भी चुनाव में अनुचित प्रभाव से संबंधित कोई अपराध नहीं किया गया है.” बयान में यह भी कहा गया कि वह चुनाव आयोग के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है. कोई ग़लतफ़हमी या गलत व्याख्या हुई है.”

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