नई दिल्ली: नये संसद भवन ने आज 27 साल बाद इतिहास रच दिया. महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने में पहले पायदान को स्वीकृति देकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम को स्वीकृति दे दी है. वोटिंग के माध्यम से इस बिल को लोकसभा में स्वीकृति दे दी है। बिल के संबंध में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि बिल में रिएडजस्टमेंट का प्रावधान है. हम किसी भी हाल में महिला आरक्षण बिल को फंसने नहीं देंगे। वोटिंग इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से नहीं हो सका क्योंकि नये सदन में अभी यह व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी. इसलिये वोटिंग पर्चियों के माध्यम से कराई गयी. तीन रंग की पर्चियों से मतदान हुआ. इसके पहले विपक्ष ने बिल को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाये और चुनाव को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया.
निकायों में महिला आरक्षण का बिल मेरे पति लाये थेः सोनिया
बहस के दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने बिल का अधूरा बताया और कहा कि इस बिल में ओबीसी को आरक्षण देने का प्रावधान करना चाहिये. उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों में मेरे पति स्वर्गीय राजीव गांधी ही महिलाओं के आरक्षण के लिये सबसे पहले बिल लाये थे जो राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था. बाद में कांग्रेस के ही प्रधानमंत्री ने इस बिल को पास कराया था. कुल मिलाकर सोनिया गांधी ने बिल का समर्थन तो किया लेकिन एसटी, एससी और ओबीसी के आरक्षण की बात कहकर भूचाल लाने की कोशिश की. वहीं राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की बात की और कहा कि देश में कितने आदिवासी है, कितने दलित हैं, कितने ओबीसी है इसका जवाब सिर्फ जातिगत जनगणना से ही मिल सकता है.
महिलाओं को आरक्षण मिलेगा, यह मोदी सरकार की गारंटी हैः स्मृति इरानी
भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्ष बिल को लेकर सदन को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है. महिलाओं को आरक्षण देने के लिये मोदी सरकार प्रतिबद्ध है. सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अल्पसंख्यकों को भी बिल में आरक्षण मिलना चाहिये. इसपर केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि बिल लाने के बाद तरह तरह के खयाल लोगों को आ रहे हैं. उस वक्त ये लोग कहां थे जब सदन में महिला बिल लाया गया था.