JoharLive Team
लोहरदगा : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गोपाल पांडे की अदालत ने अंधविश्वास एवं अफवाह में तीन लोगों को जलाकर मार डालने के मामले में 22 लोगों को दोषी करार दिया है। सजा के बिंदु पर सुनवाई की तारीख आठ अगस्त तय है। कैरो थाना क्षेत्र के चिपो ठेकाटोली में 17 अप्रैल 2016 को एक ही परिवार के तीन लोगों को घर में बंद कर जिंदा जला दिया गया था। चिपो ठेकाटोली निवासी गोवर्धन भगत पर ग्रामीणों का आरोप था कि वह ओझा-गुणी करता था। 500 से ज्यादा ग्रामीणों ने गोवर्धन भगत सहित परिवार के चार सदस्यों को घर में बंद कर आग लगा दी थी। इसमें गोवर्धन उरांव (60), मादो भगताईन (55 ) व सुखमनिया भगताईन (30) की मौत हो गई थी। घटना की जानकारी देर रात पुलिस को मिली थी।
इसके बाद दल-बल के साथ तत्कालीन एसपी कार्तिक एस. मौके पर पहुंचे थे। एसपी ने साहस दिखाते हुए खुद आग से जल रहे मकान में प्रवेश कर गोवर्धन भगत के पुत्र लालदेव भगत को बचाकर बाहर निकाल लिया था। चेरगा भगत के पुत्र राजेश भगत के बयान पर कैरो थाना में मामला दर्ज किया गया था। घटना में धनी उरांव के पुत्र बीरू उरांव सहित 24 अन्य और लगभग 500 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मामले में दो सेशन ट्रायल चला था। तीन साल तक ट्रायल के बाद दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। फिर 22 लोगों को मामले में दोषी पाया गया। गोवर्धन भगत पर ग्रामीणों को संदेह था कि वह बच्चा चोरी कर उसकी नरबलि देता है।