Joharlive Desk
नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना के खिलाफ जंग में लॉकडाउन को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि इससे न सिर्फ कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार की रफ्तार धीमी हुई बल्कि इससे सरकार को स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का भी पर्याप्त समय मिला।
डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह की क्षेत्र के सदस्य राष्ट्रों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में आज कहा कि भारत में लॉकडाउन बहुत ही प्रभावी सिद्ध हुआ। इससे संक्रमण के मामले बढ़ने की दर धीमी हुई तथा सरकार ने समय का सदुपयोग करते हुए कोरोना टेस्ट करने की क्षमता बढ़ायी और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत किया।
उन्होंने बताया कि जनवरी में पूरे देश में मात्र एक प्रयोगशाला में कोरोना संक्रमण की जांच सुविधा उपलब्ध थी लेकिन आज देश में 1,370 ऐसी प्रयोगशालाएं हैं। अब हर भारतीय अधिकतम तीन घंटे की दूरी तय करके इन प्रयोगशालाओं में जांच करा सकते हैं। देश के 36 में से 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में डब्ल्यूएचओ के प्रति दस लाख आबादी में 140 टेस्ट कराने के मानक से अधिक संख्या में जांच हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने सुश्री सिंह को बताया कि देश में कंटेनमेंट की रणनीति भी कामयाब रही है। देश के मात्र तीन राज्यों में कोरोना संक्रमण के 50 प्रतिशत मामले हैं और 32 प्रतिशत संक्रमण मामले सात राज्यों से हैं। इससे पता चलता है कि वायरस का प्रसार थम गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि किस तरह भारत ने तब से ही कोरोना के खिलाफ जंग की तैयारी कर दी थी जब चीन ने डब्ल्यूएचओ को सात जनवरी को कोरोना महामारी की जानकारी दी । भारत के त्वरित कदम उठाने और बहु स्तरीय संस्थागत प्रयासों से देश में प्रति दस लाख आबादी कोरोना संक्रमण तथा संक्रमण के कारण मौत के मामले काफी कम हैं।