रांची: जिले के तमाड़ प्रखंड में स्थित है प्राचीन दिउड़ी मंदिर, जिसका निर्माण लगभग 700 साल पहले कराया गया था. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां के 15 पुजारियों में से आधे ब्राह्मण और आधे आदिवासी पाहन हैं. स्थानीय लोगों के लिए यह मंदिर उनकी आस्था का केंद्र है और बड़े-बड़े सेलिब्रेटी भी यहां आकर पूजा करते हैं जिसमें महेंद्र सिंह धोनी का नाम सबसे ऊपर है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह मंदिर विवाद का केंद्र बन गया है और स्थिति यह है कि शुक्रवार छह सितंबर को कुछ लोगों ने मंदिर में ताला जड़ दिया था
मंदिर से जुड़ा विवाद
आदिवासी समन्वय समिति के लक्ष्मी नारायण मुंडा का कहना है कि दिउड़ी मंदिर का हिंदूकरण किया जा रहा है जबकि यह आदिवासियों का मंदिर है. यहां आदिवासी पाहन ही पूजा कराते हैं, जब तमाड़ के राजा यहां पूजा करने आते थे, तो वे अपने साथ पंडा को लेकर आते थे और उस वक्त वह पूजा कराता था. यह मंदिर मुंडारी खूंटकटी जमीन है ( आदिवासियों द्वारा जंगल साफ कर बनाई गई जमीन) इसपर किसी ब्राह्मण का अधिकार कैसे हो सकता है? दूसरा यह कि यहां मंदिर ट्रस्ट का निर्माण गलत तरीके से किया गया है, ना तो उसे ग्राम सभा ने पास किया है और ना ही उसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी है. यह आदिवासियों का सरना स्थल है, इसलिए हम ट्रस्ट को भंग करने की मांग कर रहे हैं. हमारे पास इससे संबंधित तमाम दस्तावेज भी मौजूद हैं.
एसडीओ मोहनलाल मरांडी का कहना है कि यह विवाद पर्यटन विभाग की ओर से जारी 8 करोड़ के फंड से जुड़ा है. ट्रस्ट पर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि ट्रस्ट का गठन तो 2021 में ही हो गया था. जहां तक जमीन विवाद का मसला है तो मंदिर के नाम पर दो प्लॉट है, पुराने समय में तमाड़ के राजाओं ने यह जमीन मंदिर के नाम पर दी होगी. अभी कोई विवाद नहीं है और स्थिति भी तनावपूर्ण नहीं है. सबकुछ सामान्य है. अगर ग्रामीणों को जमीन को लेकर कुछ विवाद है, तो वे कानूनी तरीके से कोर्ट में जाएं और फैसला करवाएं.