रांची: झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो से बागी हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता लोबिन हेंब्रम ने अब खुल कर बगावत करने की ठान ली है. बुधवार को लोबिन ने एक प्रेस वार्ता में मीडिया से बातें करते हुए झामुमो के खिलाफ खुल कर कई बातें कहीं. उन्होंने कहा कि मुझे बागी बोला जाता है. मैं पूछना चाहता हूं कि झामुमो बागी है या मैं बागी हूं. उन्होंने कहा कि झामुमो के मेनिफेस्टो को देख कर लोगों ने झामुमो पर विश्वास जताया था. इसलिए जनता ने अपना कीमती बहुमत देकर हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के पद पर बिठाया था. लेकिन गद्दी पर बैठने के बाद हेमंत सोरेन सिद्धांतहीन हो गए. हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी के मेनिफेस्टो को दरकिनार कर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस चीज को भूल गए.

हेमंत सोरेन मेनिफेस्टो को भूल गए, मैं नहीं 

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन मेनिफेस्टो को भूल गए कि वो कैसे और किन बातों पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आए, लेकिन मैं नहीं भुला. मैंने इन बातों को सदन पर रखा. मगर मेरी इन बातों को लेकर मुझे झामुमो ने बागी करार दिया. लेकिन मैं बागी हूं या झामुमो बागी है यह सबको समझ आता है. उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि लोबिन हेंब्रम बागी नहीं है, झामुमो बागी है. लोबिन ने कहा कि जमीन लूटा जा रहा है, नौकरी में भी लूट मची हुई है. कुछ दिनों पहले कनीय अभियंताओं की वैकेंसी निकाली गई, वह यहां के लोगों के लिए नहीं बल्कि बाहर के लोगों के लिए थी. वहीं एक और वैकेंसी निकली टीचरों के लिए, वह भी यहां के नहीं बल्कि बाहर के लोगों के लिए निकाली गई. मैंने कहा भी था की 1932 का खतियानी या में जो भी खतियानधारी है, उन्हीं को इन सभी नौकरियों में प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी. लेकिन यह नहीं हुआ. मैंने ये बात उठाई तो झामुमो ने मुझे फिर से बागी का करार दिया.

राजमहल की जनता विजय हांसदा को नहीं चाहती 

उन्होंने कहा कि जब से झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनी, तब से संगठन शिथिल हो गया है.  मैंने कहा कि झामुमो हमेशा बीजेपी के साथ लड़ाई लड़ती आ रही है. लेकिन बीजेपी बहुत आगे निकल गया. उन्होंने कहा कि राजमहल विधानसभा अंतर्गत मैं अभी विधायक हूं. यहां की जनता कहती है कि विजय हांसदा को हम लोग नहीं चाहते हैं. मैंने इस बाबत राज्य के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से बात की. लेकिन मेरी बात सुनी नहीं गई. यहां तक की कांग्रेस से भी बात हुई तो इस बात पर कांग्रेस ने भी कहा कि अगर विजय हांसदा राजमहल से लड़ते हैं तो हमें झामुमो के साथ खड़े रहने के लिए सोचना होगा.

सच के लिए हमेशा अपनी आवाज उठाऊंगा

लोबिन हेंब्रम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि झामुमो पार्टी बची रहे. मेरी बात को नहीं सुना जा रहा है. हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. लेकिन हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद लॉ ऑफ नेचर के अनुसार बसंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनना चाहिए था या फिर घर की बड़ी बहू सीता सोरेन को, लेकिन यह भी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि झामुमो बिखरने और बिकने के कगार पर है. सच के लिए मैं हमेशा अपनी आवाज उठाऊंगा. उन्होंने कहा कि लोगों के हिसाब से मैं आज झामुमो में नहीं हूं. लेकिन मैं निर्दलीय ही चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा और अगर चुनाव लड़ूंगा भी तो झामुमो को जीताने के लिए ही. मैं झामुमो को बचाने के लिए हमेशा लड़ाई लड़ता रहूंगा. जिसके लिए झारखंड राज्य का निर्माण हुआ उस जंगल, जमीन को मैं नहीं छोडूंगा.

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